पहली गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से होगी शुरू: सालभर में चार बार होती है...सिद्धि के लिए माना जाता महत्वपूर्ण

पहली गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से होगी शुरू: सालभर में चार बार होती है...सिद्धि के लिए माना जाता महत्वपूर्ण

कानपुर, अमृत विचार। साल की पहली गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक गुप्त अनुष्ठान किये जाते हैं इन दिनों देवी दुर्गा के दस रूपों की पूजा की जाती है। वहीं इसका समापन शुक्रवार 7 फरवरी, को होगा। गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

सालभर में होती चार नवरात्रि

संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान के आचार्य पवन तिवारी ने बताया कि पूरे वर्ष में चार नवरात्रि होती हैं, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो प्रकट नवरात्रि होती हैं माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि होती हैं और प्रकट नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि तथा आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि होती है देवी भागवत महापुराण में मां दुर्गा की पूजा के लिए इन चार नवरात्रियों का उल्लेख है।

माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 मिनट से हो रही है, इस तिथि का समापन 30 जनवरी को शाम 4:01 मिनट पर होगा उदया तिथि के अनुसार माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 30 जनवरी 2025 के दिन से होगा।

30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र के साथ व्यतीपात योग बन रहा है, जो पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ है। इस दिन कलश स्थापना के लिए आपको दो शुभ मुहूर्त प्राप्त होंगे।

पहला मुहूर्त सुबह 9:25 मिनट से सुबह 10:46 मिनट तक है।
दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर में 12:13 मिनट से दोपहर 12:56 मिनट तक है।

प्रत्यक्ष नवरात्रि में मां भगवती की पूजा जहां माता के ममत्व के रूप में की जाती है तो वहीं गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा शक्ति रूप में की जाती है।  गुप्त नवरात्रि में देवी साधना किसी को बता कर नहीं की जाती है इसलिए इन दिनों को नाम ही गुप्त दिया गया है  इन नवरात्रि में देवी साधना से शीघ्र प्रसन्न् होती हैं और मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।

जितनी अधिक गोपनीयता इस साधना की होगी उसका फल भी उतनी ही जल्दी मिलेगा देवी के मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी देवी, भुनेश्वरी देवी, मां धूम्रावती, बगलामुखी माता, मातंगी माता, छिन्न मस्ता, त्रिपुर भैरवी और देवी कमला की गुप्त नवरात्रि में पूजा की जाती है मंत्र जाप, श्री दुर्गा सप्तशती, हवन के द्वारा इन दिनों देवी साधना करते हैं।

यदि आप हवन आदि कर्मकांड करने में असहज हों तो नौ दिन का किसी भी तरह का संकल्प जैसे सवा लाख मंत्रों का जाप कर अनुष्ठान कर सकते हैं या फिर राम रक्षा स्त्रोत, देवी भागवत आदि का नौ दिन का संकल्प लेकर पाठ कर सकते हैं अखंड जोत जलाकर साधना करने से माता प्रसन्न होती हैं।

गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है। इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित किया जाता है मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है सरसों के तेल से दीपक जलाकर 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। 

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