पीलीभीत: कोरोना भगाने के नाम पर कर दिया खेल, खजुरिया पचपेड़ा में बिलों में निकला बड़ा फर्जीवाड़ा

पीलीभीत: कोरोना भगाने के नाम पर कर दिया खेल, खजुरिया पचपेड़ा में बिलों में निकला बड़ा फर्जीवाड़ा

पीलीभीत, अमृत विचार। अस्थाई गोशाला में लाखों के फर्जीवाड़े के बाद खजुरिया पचपेड़ा ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपये की धनराशि का दुरुपयोग होने की आशंका जताई गई है। डीएम के निर्देश पर गठित हुई जांच टीम ने जांच के बाद ग्राम पंचायत द्वारा खर्च की गई धनराशि संदेहात्मक प्रतीत मानते हुए विशेष विस्तृत जांच कराने का आग्रह किया है।

मामला बरखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत खजुरिया पचपेड़ा का है। गांव के कुछ ग्रामीणों ने शपथ पत्र सहित डीएम से की गई शिकायत में ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में कराए गए कराए में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी। डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार एवं बाढ़ खंड के सहायक अभियंता धुव्र नरायन को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच कराने के निर्देश दिए थे। जांच टीम ने 17 अक्टूबर को गांव पहुंचकर मामले की जांच की थी। जांच के बाद जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट डीपीआरओ को सौंप दी। जांच आख्या में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। जांच आख्या के मुताबिक कोरोना काल में 06 बार में 83018 रुपये विभिन्न खातों के माध्यम से आहरण मॉस्क एवं सैनेटाइजर के लिए किया गया। इस मामले में जांच टीम के सामने जो कैश मेमो प्रस्तुत की गई, इसमें दो कैलेन्डर वर्षों की अलग-अलग तिथियां पाई गई। साथ ही जो तिथियां दर्शाई गईं उस दौरान कोरोना का प्रभाव भी काफी कम हो गया था। स्टॉक पंजिका में भी कोई विवरण नहीं मिला। सैनेटाइजर छिड़काव को लेकर जो फोटोग्राफ प्रधान द्वारा उपलब्ध कराए गए, उसमें किसी भी छिड़काव करने वाले कर्मचारी ने मास्क नहीं लगा रखा था। टीम ने फोटोग्राफ्स कोरोनाकाल के बाद के प्रतीत होने का संदेह जताया।

बड़े पैमाने पर बिलों में निकला फर्जीवाड़ा
एमएस इंटर प्राइजेज के खाते में एक ही तिथि में फर्जी रूप से एक ही वाउचर नंबर दर्शा अलग-अलग धनराशि का फर्जी रूप से 2,31870 का आहरण करने की शिकायत की जांच में प्रधान द्वारा पांच बिलों की छाया प्रति प्रस्तुत की। जांच के दौरान वाउचरों पर कोई भी बिल नंबर अंकित नहीं पाया गया। पाया गया कि सभी बिल एक ही तिथि में निर्गत किए गए हैं और सभी में धनराशि भी समान पाई गई। 

वहीं हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 13 बार में 2,03,595 की धनराशि निकालने की शिकायत के मामले में जांच की गई तो ग्राम प्रधान द्वारा एक प्लंबर ट्रेडर्स के विभिन्न तिथियों के पांच बिल टीम के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जिसमें दो बिलों में बीजक संख्या दोनों बीजक की धनराशि अलग-अलग अंकित पाई गई। प्रधान द्वारा हैंडपंप मिस्त्री के 14 बिल पेश किए गए। इन बिलों के प्रथम दृष्टया अवलोकन में पाया गया मिस्त्री द्वारा लेबर चार्ज के अतिरिक्त हैंडपंप के सामान की आपूर्ति का खर्च भी जोड़ते हुए बिल पेश किए गए। जोकि संदेह के घेरे में पाया गया। इसके अलावा ईंट खरीद के बिलों और सीमेंट सरिया के बिलों में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई। जांच टीम ने जांच आख्या ग्राम पंचायत द्वारा खर्च की गई धनराशि संदेहात्मक प्रतीत होते हुए विशेष विस्तृत जांच कराने का आग्रह किया है।

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