Adani और संभल मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध बरकरार, वक्फ समिति का कार्यकाल बढ़ा

Adani और संभल मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध बरकरार, वक्फ समिति का कार्यकाल बढ़ा

नई दिल्ली। लोकसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडानी समूह से जुड़े मामले तथा उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के मुद्दे को लेकर हंगामा किया, जिस वजह से सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

अदाणी मुद्दे और संभल हिंसा को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस और सपा के सांसदों ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी। पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए।

विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही, सदन ने वक्फ (संशोधन) विधेयक संबंधी संसद की संयुक्त समिति का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का समय बजट सत्र, 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाने को मंजूरी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में हंगामे को लेकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों पर निशाना साधा। 

उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सभी ने मिलकर फैसला किया था कि कौन सा विधेयक आएगा और कब आएगा...जो बाकी मुद्दे हैं उन पर चर्चा का अलग अलग नियम बना हुआ है। रीजीजू ने कहा, ‘‘यहां कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने बिना किसी नियम के और तय नियमों को तोड़ते हुए हंगामा करने की कोशिश की है। हम इसकी निंदा करते हैं। यह ठीक नहीं हैं।’’ 

उनका कहना था कि कई सदस्य अपने क्षेत्रों के मुद्दे उठाना चाहते हैं। रीजीजू ने कहा कि वक्फ विधेयक संबधी संयुक्त समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग विपक्षी सदस्यों ने की थी और अब जब इससे जुड़ा प्रस्ताव आया तो कांग्रेस तथा उसके सहयोगी नारेबाजी कर रहे थे। इसके बाद दोपहर करीब 12 बजकर पांच मिनट पर पीठासीन सभापति ने सभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले, बृहस्पतिवार सुबह सदन की बैठक शुरू होने के करीब सात मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही केरल की वायनाड सीट से सदन की सदस्य निर्वाचित हुईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और महाराष्ट्र के नांदेड़ से सदस्य निर्वाचित हुए इसी पार्टी के रवींद्र चव्हाण ने लोकसभा की सदस्यता की शपथ ली। 

इसके बाद जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, कांग्रेस और सपा के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस सदस्य अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठा रहे थे, वहीं सपा सांसद संभल हिंसा का मुद्दा उठाते देखे गए।


लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक पूरक प्रश्न का उत्तर भी दिया। बिरला ने इस दौरान नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘आप जिन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, उसके लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया जाएगा। आप नियोजित तरीके से सदन को अवरुद्ध करना चाहते हैं। जनता ने आपको अनेक आकांक्षाओं के साथ यहां भेजा है, आपको उनकी चिंताएं और क्षेत्र की समस्याएं उठानी चाहिए।’’ 

बिरला ने कहा, ‘‘जिन मुद्दों का देश से कोई संबंध नहीं है, आप उन्हें यहां उठा रहे हैं..... चर्चा के लिए नियम प्रक्रियाओं को अपनाया जाता है।’’ उन्होंने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘गतिरोध का यह तरीका ठीक नहीं है। संविधान सभा में भी चर्चा हुई थी, सहमति-असहमति रही थी, लेकिन सदस्यों का आचरण मर्यादित रहा था। आपका यह व्यवहार मर्यादित नहीं है।’’ 

बिरला के बार-बार अपील करने के बाद भी आसन के समीप खड़े कांग्रेस और सपा सांसदों की नारेबाजी जारी रही। हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न करीब 11 बजकर सात मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।  

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