फर्रुखाबाद: CMO की छापेमारी में इंटर पास चलाता मिला हॉस्पिटल, OT सील...दर्जन भर से अधिक भर्ती थे मरीज
आइजीआरएस पोर्टल पर मिली शिकायत के बाद सीएमओ ने की कार्रवाई फायर सेफ्टी की उड़ती मिली धज्जियां
विनय सिंह/फर्रुखाबाद, अमृत विचार। मुख्यमंत्री पोर्टल पर मिली शिकायत के बाद सीएमओ ने श्री कृष्णा हॉस्पिटल में छापेमारी की। सीएमओ डॉ अवनींद्र कुमार की छापेमारी के दौरान इंटर पास अस्पताल संचालक दर्जन भर से अधिक मरीजों का इलाज करता मिला। सीएमओ की छापेमारी के दौरान एक मरीज को पांच हजार के बदले खून दिए जाने का मामला भी सामने आया। सीएमओ डॉ अवनींद्र कुमार ने अस्पताल की ओटी को सील कर मरीजों को लोहिया अस्पताल शिफ्ट कराने के आदेश दिए।
शाहजहांपुर निवासी सुबोध कुमार ने पत्नी सावित्री को जनवरी महीने में श्री कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जिसके बाद सावित्री की 27 जनवरी 2024 को मौत हो गई। शिकायतकर्ता सुबोध कुमार ने आरोप लगाया कि श्री कृष्णा हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर नहीं था। संचालक ने लापरवाही से इलाज किया जिससे उनकी पत्नी की जान चली गई। मामले की जांच करते हुए सीएमओ ने सोमवार को दलबल के साथ मसेनी स्थित अस्पताल में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान अस्पताल में कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं मिला।
सीएमओ के पूछने पर संचालक सुरेंद्र कुशवाहा ने खुद को इंटर पास बताया। कई मरीज ने बताया कि सुरेंद्र कुशवाहा की उनका इलाज कर रहे हैं। कोई डॉक्टर देखने नहीं आया। सीएमओ ने पुलिस भी एहतियातन बुला लिया। सीएमओ ने अस्पताल की ओटी को सील कर दिया और पुलिस को बुलाकर 2 घंटे में अस्पताल खाली कराकर बंद करने के आदेश दिए।
सीएमओ ने बताया कि आरजीआरएस पर मिली शिकायत के अनुसार जांच कर कार्रवाई की गई है। अस्पताल को बंद कराया जा रहा है। रुपए से खून खरीदने के मामले की भी जांच कराई जाएगी। अस्पताल के गीत पर सही नाम चिकित्सकों के लिखे मिले नाम, आए रडार पर सीएमओ को छापेमारी के दौरान अस्पताल के गेट पर इनामी चिकित्सकों के नाम लिखे मिले। जिनके माध्यम से मरीजों को गुमराह अस्पताल में भर्ती कराए जाने की भी संभावना है। अब ऐसे चिकित्सक भी रडार पर आ गए। जल्द कड़ी कार्रवाई हो सकती है। अस्पताल में भर्ती मरीज को 5 हजारलेकर चढ़ाया गया खून, कहां से आया किसने खून दिया कुछ पता नहीं।
जनपद शाहजहांपुर के थाना अल्लाहगंज के ग्राम ठिगरी निवासी अतुल की पत्नी की हालत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल के स्टाफ ने खून की कमी बताई और तत्काल खून चढ़वाने को कहा। अतुल ने बताया कि हॉस्पिटल के संचालक ने 5000 रुपए लेकर एक यूनिट खून ला दिया गया। यह खून कहा से आया, बिना डोनर के खून निजी अस्पताल को कहां से मिला। यह कई सवाल बने हुए है।
फायर सेफ्टी ताक पर, इनवर्टर बैट्री हब के पास लिटा दिया मरीज
झांसी में हुई घटना के बाद अस्पतालों में फायर सेफ्टी को लेकर शासन गंभीर है। सीएमओ के निरीक्षण के दौरान अस्पताल में फायर सेफ्टी के मानकों की धज्जियां उड़ती दिखी। चांदपुर निवासी मैरिज विजय बहादुर को इनवर्टर बैट्री हब के पास लिटा कर इलाज किया जा रहा था।