Kannauj: सुपरवाइजर की मौत का मामला: मुआवजा मांग रहे ग्रामीण पुलिस को देखते ही भड़के, मैनेजर से हाथापाई पर हुए उतारू

Kannauj: सुपरवाइजर की मौत का मामला: मुआवजा मांग रहे ग्रामीण पुलिस को देखते ही भड़के, मैनेजर से हाथापाई पर हुए उतारू

सौरिख, कन्नौज, अमृत विचार। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर शुक्रवार को आरजीबीईएल के सुपरवाइजर की बाइक की टक्कर से मौत के बाद ग्रामीण भड़क गए। शनिवार सुबह से ही परिजनों समेत ग्रामीण ऑफिस पहुंच गए और कंपनी से मुआवजे की मांग करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस को देखते ही भीड़ उत्तेजित हो गई और मैनेजर के आफिस में घुसकर हाथापाई पर उतारू हो गई। किसी तरह पुलिस ने मैनेजर को बचाया। सूचना पर भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। मुआवजे की मांग पूरी होने पर ग्रामीण शव का अंतिम संस्कार करने  के लिये ले गये।

थाना क्षेत्र के नगला वीरभान गांव निवासी धर्मेंद्र दुबे पुत्र अवधेश दुबे आरजीबीईएल कंपनी में सुपरवाइजर था। शुक्रवार को अन्य साथी के साथ बाइक से एक्सप्रेसवे के किलोमीटर 154 पर वृक्षों की गिनती करा रहा था। तभी आगरा की तरफ से आई तेज रफ्तार बाइक ने टक्कर मार दी थी। इलाज के दौरान मिनी पीजीआई सैफई में सुपरवाइजर की मौत हो गई थी। 

घटना के बाद शनिवार को कई ग्रामीण आरजीबीईएल कार्यालय परिसर पहुंच गए। घटना की सूचना देरी से सूचना देने के आरोप लगाते हुए मुआवजा की मांग करने लगे। परिजन 5 लाख रुपये एवं नौकरी की मांग कर रहे थे जबकि कंपनी तीन लाख रुपये देने की बात कह रही थी। इसको लेकर कई घंटे तक हंगामा चलता रहा। मामले को बिगड़ता देख यूपीडा कर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर सिटी इंचार्ज राकेश पटेल पुलिस बल के साथ कार्यालय पहुंच गए। 

परिजन भी पुलिस के पीछे सुपरवाइजर का शव लेकर कार्यालय पहुंच गए और मुआवजा न मिलने तक शव रखे रहने की बात कहने लगे। मौजूद भीड़ ने पुलिस को देखते ही आरजीबीईएल के मैनेजर रविंद्र नाथ नायक पर पुलिस बुलाने के आरोप लगाते हुए गाली गलौज और हाथापाई शुरू कर दी। पुलिस ने किसी तरह से मैनेजर को सुरक्षित किया। घटना के संबंध में प्रभारी निरीक्षक जयप्रकाश शर्मा को अवगत कराया सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक अतिरिक्त निरीक्षक समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गई। 

आरजीबीईएल के डीपीएम संजीव तोमर भी पहुंच गए। तीन घंटे से अधिक समय तक चली पंचायत में उच्च अधिकारियों के रजाबंदी से कंपनी ने मृतक की पत्नी को 5 लाख रुपये एवं ठेका रहने तक नौकरी देने का वादा किया। तब जाकर भीड़ शांत हुई और शव को गांव ले गई। प्रभारी निरीक्षक जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि मारपीट की सूचना गलत है। भीड़ ने हंगामा किया था समझा बुझाकर भेज दिया गया।

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