कासगंज: एलपीजी की कालाबाजारी...जान जोखिम में अवैध गैस रिफिलिंग का खेल जारी

सोरों हादसे के बाद भी प्रशासन ने नहीं लिया सबक

कासगंज: एलपीजी की कालाबाजारी...जान जोखिम में अवैध गैस रिफिलिंग का खेल जारी

अमांपुर, अमृत विचार। जिले में घरेलू गैस से वाहन रफ्तार भर रहे हैं। जिससे लोगों की जान खतरे में है। अमांपुर कस्बा में घरेलू गैस सिलेंडरों की कालाबाजारी करके गाडियों, ऑटो में खुलेआम गैस भरी जा रही है। प्रशासन पहले के हादसों से सबक नहीं ले रहा है। अमांपुर में घरेलू गैस सिलेंडर से गैस रिफलिंग का अवैध धंधा खूब फल-फूल रहा है। कुछ लोग खुलेआम बाजार में गैस रिफलिंग की दुकान खोले बैठे हैं। तो कुछ लोग अपने घरों पर बैठकर कारों में एलपीजी गैस भर रहे हैं। 

ये लोग पांच किलो क्षमता वाले छोटे सिलेंडरों की भी रिफिलिंग कर रहे हैं। काफी समय से यह अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है। इस अवैध कारोबार पर जिला पूर्ति विभाग, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। गैस रिफिलिंग का यह अवैध कारोबार चोरी-छिपे अथवा दूरदराज के इलाकों में नहीं चल रहा है, बल्कि घनी आबादी वाले मोहल्लों एवं बीच बाजार में हजारों लोगों की जान को जोखिम में डालकर खुले आम चल रहा है। दुकानदारों को पांच किलो क्षमता वाला सिलेंडर रिफिल करने में करीब 50 रुपये का फायदा हो जाता है। इसी तरह कारों में भी गैस रिफिल करने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।

ये हो चुके हैं हादसे
कस्बे के बारहद्वारी घंटाघर, गुडमड़ी, पुराने थाना, एटा रोड, कासगंज रोड, सहावर रोड, सिढ़पुरा रोड, मोहनपुर रोड, विकोरा रोड पर बीच आबादी में हो रही गैस रिफिलिंग के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंगलवार की शाम सोरों जी कस्बा में ऑटो में गैस रिफिलिंग करते समय दुकान में आग लग गई थी। वहीं पूर्व में कस्बा सहावर में भी गैस रिफलिंग करते हुए आग लग गई थी। इस हादसे में कुछ लोग झुलस गए थे। आसपास के मकान और दुकानों में दरारे पड़ गई थी। इसके अलावा कार में गैस भरने के बाद कार में भीषण आग लग गई थी। इसके बाद भी अधिकारी इस खतरनाक अवैध धंधे को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

बेखबर है आपूर्ति विभाग
सोरों में हुआ हादसा लोगों की जान के लिए खतरा बन गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई आपूर्ति विभाग की ओर से नहीं की गई है। गुरुवार को आपूर्ति विभाग का कार्यालय अवकाश के कारण बंद था। जिला आपूर्ति अधिकारी ने मोबाइल पर वार्ता करना भी उचित नहीं समझा। उनका फोन रिसीव ही नहीं हुआ। हालांकि इस मामले को लेकर एसडीएम संजीव कुमार का कहना है कि जांच के लिए आपूर्ति विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं।

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