Exclusive: गंगा पर पुल बनेगा या टनल, असमंजस में शहरी...ट्रांसगंगा सिटी में निवेश करने वाले लोग भी हुए Confuse

सेतु निगम ने टनल तो यूपीसीडा ने पुल बनाने का लिया निर्णय

Exclusive: गंगा पर पुल बनेगा या टनल, असमंजस में शहरी...ट्रांसगंगा सिटी में निवेश करने वाले लोग भी हुए Confuse

कानपुर, (अभिनव मिश्र)। गंगा बैराज पर बसाई जा रही ट्रांसगंगा सिटी से वीआईपी रोड को जोड़ने के लिए गंगा पर  फोरलेन पुल बनेगा या टनल, इसे लेकर शहरवासी और सिटी के निवेशक असमंजस में हैं। दो साल पहले सेतु निगम ने फोर लेन पुल की 5.38 अरब रुपये की डीपीआर उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को सौंपी थी। 
 
अब प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक में पुल का प्रोजेक्ट पास कर दिया पर पुल की डीपीआर बनाने वाले निगम के अधिकारी ही मान चुके हैं कि गंगा पर पुल नहीं टनल बनानी पड़ेगी। पिछले साल डीएम द्वारा तैयार कराई गई रिपोर्ट में पुल के लिए न तो सरसैया घाट को उपयुक्त माना गया और न ही बाबा घाट और न ही टेफ्को के पास के स्थल को। इसीलिए निगम ने टनल की डीपीआर बनाने के लिए कंसलटेंट नामित किया जो जल्द ही काम शुरू करने वाला है।
 
यूपीसीडा प्रबंधन ने ट्रांसगंगा सिटी की आधारशिला रखने के साथ ही सरसैया घाट पर पुल बनाने की घोषणा की थी। तब कहा गया था कि झूलता हुआ पुल बनेगा। सेतु निगम को डीपीआर बनाने की जिम्मेदार दी गई। निगम प्रबंधन ने 2022 में दी गई डीपीआर में बताया कि पुल की लागत 5,38,10,42,000 रुपये आएगी। इसके बाद प्रस्ताव फिर लटक गया। यूपीसीडा के इस प्रोजेक्ट को प्रशासन ने आगे बढ़ाने की कोशिश की। 
 
जिलाधिकारी रहे विशाख जी ने सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी बनाई। जिसमें नगर निगम और सेतु निगम के अधिकारी भी थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरसैया घाट, बाबा घाट, नित्येश्वर मंदिर के पास जगह संकरी होने के कारण पुल नहीं बन सकता है। टेफ्को की भूमि से होकर पुल बनाने का सुझाव था लेकिन भूमि का विवाद अभी न्यायालय में चल रहा है इसलिए यह भी फंस गया था। तब मंडलायुक्त ने और विकल्प देखने के लिए कहा था। 
 
इसके बाद ही सेतु निगम ने टनल बनाने की ओर कदम बढ़ाया और कंसलटेंट नामित किया। अब यूपीसीडा की बोर्ड बैठक में पुल के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है और कहा गया है कि 36 माह में निर्माण पूरा किया जाएगा। सवाल वही है कि पुल के लिए जगह कहां चिह्नित हुई।
 
बोर्ड बैठक में पुल निर्माण का निर्णय होना स्वागत योग्य कदम है, लेकिन प्राधिकरण को यह बताना चाहिए कि पुल कहां बनेगा। क्योंकि सेतु निगम तो टनल बनाने की दिशा में काम कर रहा है।– अतुल सेठ, वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष पीआईए
 
ट्रांसगंगा सिटी में निवेश न होने का बड़ा कारण पुल का न बनना भी है। पुल बने या टनल जो भी बनना है जल्द काम शुरू होना चाहिए ताकि लोगों में विश्वास बढ़े और निवेश वहां हो सके।- दीपक त्रिवेदी, अध्यक्ष ट्रांसगंगा सिटी रेजीजेंटेड वेलफेयर एसोसिएशन
 

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