ओपी सिंह हत्याकांड: आरोपियों का हुआ सामाजिक बहिष्कार,गांव में घुसने पर पाबंदी, रोटी-बेटी का संबंध भी तोड़ने का फैसला 

ओपी सिंह हत्याकांड: आरोपियों का हुआ सामाजिक बहिष्कार,गांव में घुसने पर पाबंदी, रोटी-बेटी का संबंध भी तोड़ने का फैसला 

गोंडा, अमृत विचार। परसपुर के राजा टोला के रहने वाले सपा कार्यकर्ता ओमप्रकाश सिंह की हत्या के मामले में को लेकर बुधवार को इलाके के लोगों की पंचायत बैठी। पंचायत में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। पंचायत में आरोपियों के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान करते हुए कहा गया कि उन्हें गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा, इसके साथ ही उनके परिवार से रोटी बेटी का संबंध भी तोड़ने का फैसला किया गया है।  प्रशासन से इस पूरे परिवार को जिले से बाहर करने की मांग की गई है। 

परसपुर राजा टोला के रहने वाले सपा कार्यकर्ता ओमप्रकाश सिंह की चुनावी रंजिश को लेकर 19 जुलाई को हत्या कर दी गयी थी। हत्या का आरोप भाजपा सभासद उदयभान सिंह उर्फ लल्लन सिंह और उनके परिवार पर है। इस वारदात को लेकर पूरे जिले में आक्रोश है। इस मामले को लेकर बुधवार को राजा टोला गांव के लोगों ने एक बैठक की। बैठक में ओमप्रकाश की के निधन पर शोक सभा की गयी और उन्हे श्रद्धांजलि दी गयी। शोकसभा के बाद गांव के लोगों की पंचायत बैठी। पंचायत में सर्वसम्मति से हत्यारोपी उदयभान और उसके पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार का फैसला किया गया है‌। बैठक‌ में यह तय किया गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति उसके परिवार से किसी तरह का कोई संबंध नहीं रखेगा। इसके अतिरिक्त हत्यारोपियों को गांव के भीतर भी नहीं घुसने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो इसके लिए कानूनी मदद ली जाएगी। अगर कोई पंचायत के फैसले का विरोध करता है और उससे संबंध रखता है तो उसका भी सामाजिक बहिष्कार होगा। परसपुर ब्लॉक के जितने भी गांव ठाकुरों के हैं वहां इस परिवार का खान-पान बंद किया जाएगा। इस इस फैसले पर आम सहमति बनाने के लिए ब्लॉक के सभी गांव के लोगों के साथ एक महापंचायत भी होगी। 

पंचायत में लोगों ने जिला प्रशासन से बुलडोजर लगाकर आरोपी का मकान ढहाने, सभी आरोपियों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई कर उनकी संपत्ति जप्त करने, आरोपियों के खिलाफ बाराबंकी जिले में दर्ज मुकदमों की फाइल फिर से खुलवाने तथा आरोपी के पूरे परिवार को जिले से बाहर स्थानांतरित कर पीड़ित परिवार की सुरक्षा किए जाने की मांग भी की गई है। बैठक में अरुण कुमार सिंह, विश्वनाथ सिंह, प्रशांत सिंह, विजय सिंह, आशीष सिंह, कमल सिंह, शंकर दयाल सिंह, मनोज सिंह, टिंकू सिंह, बृजभान सिंह, राहुल सिंह, श्याम सिंह, माता प्रसाद सिंह, सुनील सिंह, व प्रदीप सिंह समेत हजारों की संख्या में लोग शामिल रहे।

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