भाकियू ने यमुना नदी में खड़े होकर शुरु किया सत्याग्रह आंदोलन, किया प्रदर्शन- की नारेबाजी

सरकार के सामने रखी 26 प्रमुख मांगे

भाकियू ने यमुना नदी में खड़े होकर शुरु किया सत्याग्रह आंदोलन, किया प्रदर्शन- की नारेबाजी

प्रयागराज, अमृत विचार।  यमुना नगर के किसानों ने सोमवार को  भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानो का हुजूम ट्रैक्टर से झलवा से मदारीपुर कंजासा पहुंच गया। किसानो ने अपनी प्रमुख मांगो को लेकर सत्याग्रह शुरु कर दिया। किसानो ने यमुना नदी में खड़े होकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।

भारतीय किसान यूनियन की यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि लगातार कई महीनो से किसान अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाक़ात करते रहे। उनसे शिकायत भी की।  उन्हें ज्ञापन भी दिया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। जिसके बाद परेशान किसानों ने सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले बड़ी संख्या में किसानो का हुजूम ट्रैक्टर से झलवा से मदारीपुर कंजासा पहुंच गया। जहां यमुना की धारा में खड़े होकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ  जल सत्याग्रह का फैसला लिया। किसानों ने नदी में खड़े होकर जमकर नारे लगाए और प्रदर्शन किया। अनुज सिंह ने कहा कि किसान अपनी 26 सूत्रीय मांगों को लेकर अधिकारियों से मांग करते रहे, लेकिन उनकी नही सुनी गई। उनकी मांगे प्रमुख रूप से राजस्व विभाग, बिजली विभाग, पुलिस विभाग और प्रयागराज विकास प्राधिकरण से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में यमुनापार के बारा पावर प्लांट से प्रभावित किसानों की भी समस्याएं हैं। यह जल सत्याग्रह आंदोलन किसानों की आवाज बनेगा। जो प्रदेश सरकार तक पहुंचेगी। जिससे सरकार उनकी मांगो पर विचार करते हुए उसे पूरा करे। प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि शासन और प्रशासन जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं करेंगे वह उसी तरह से   अपना आंदोलन जारी रखेंगे। यूनियन के नेताओं कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों की हमेशा उपेक्षा की है। इसलिए किसान अब अनिश्चित कालीन सत्याग्रह आंदोलन करेंगे।  

किसानों की प्रमुख मांगे

• यमुना नदी के किनारों के घाटों पर बालू खनन का पट्टा स्थानीय लोगों को दिया जाए।
• प्रयागराज विकास प्राधिकरण सड़क चौड़ीकरण के नाम पर घरों को तोड़ रहा। इसका मुआवजा मिले।
• 1991 में अधिग्रहीन जमीनों का मुआवजा तत्काल दिया जाए। दोषी अफसरों पर कार्रवाई हो।
• बारा पावर प्लांट से प्रभावित किसानों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
• कटहुआ और देवघाट में मुआवजा देने के नाम पर किसानों से लेखपाल वसूली दे रहा है। उसपर कार्रवाई हो।
• पीपल गांव, बजहा व डाही पावर हाउस के अंतर्गत आने वाले सभी गांव के तार जर्जर हो चुके हैं। इसे दुरुस्त कराया जाए।
• लालापुर पावर हाउस से जुड़े ग्रामसभा मादुरी दलित बस्ती में बिजली कनेक्शन को तार दौड़ाएं।

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