Kanpur: शरीर में बना रहता है दर्द और थकान तो न करें नजरअंदाज, कराएं थायराइड जांच, बच्चे भी हो रहे शिकार
कानपुर, अमृत विचार। शरीर में थोड़ी सुस्ती, वजन बढ़ना, कब्ज, ऊंचा सुनाई देना, महावारी का अनियमित होना व डिप्रेशन की शिकायत है तो सावधान रहें। यह थायराइड के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि एक ही मरीज में ये सारी परेशानियां एक साथ नहीं होतीं। थायराइड में ज्यादातर महिलाओं में एक से चार किलो वजन बढ़ सकता है। यह बात आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज से सेवानिवृत्त डॉ.एके गुप्ता ने कही।
विश्व थायराइड दिवस पर शनिवार को आईएमए सभागार सेवा के मंदिर में सीएमई प्रोग्राम का आयोजन हुआ। डॉ. एके गुप्ता ने बताया कि थायराइड ग्रंथि (ग्लैंड) गर्दन में होती है, इसका वजन 15 से 20 ग्राम होता है। सामान्य स्थिति में यह दिखाई नहीं देती है। लेकिन यह शरीर की मेटाबॉलिक गतिविधियों को संचलित (कंट्रोल) करती है। थायराइड से निकले वाले हार्मोन को थाइरॉक्सिन कहते हैं।
इस हार्मोन के कम निकलने से हाईपोथाइरोडिज्म होता है। यह 50 वर्ष की उम्र में 10 प्रतिशत महिलाओं और 65 वर्ष की उम्र में 10 प्रतिशत पुरुषों को होता है। उन्होंने बताया कि हाइपोथॉइरोडिज्म का सबसे प्रमुख कारण हाशीमोटो होता है, जिसमें दवा जीवनभर चलती है। लेकिन कुछ बीमारियों में जैसे प्रसव के बाद थॉयराइड होने पर डॉक्टर की सलाह पर काफी मरीजों में एक साल बाद दवा बंद हो जाती है।
हाइपरथाइरोडिज्म में वजन कम होने लगता है और आंखें उभर आती हैं। नियमित दवा के सेवन से मरीज दो साल में ठीक हो जाते हैं। बच्चों में थॉयराइड ग्रंथि 10 से 15 साल में बढ़ जाती है। ठीक होने में इनको भी एक से दो साल लगते हैं। थायराइड में कैंसर भी होता है, जो ठीक तरह से इलाज के बाद और फिर रेडियोएक्टिव आयोडिन से पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है।