लखनऊ: साबित नहीं हुई चिकित्सक की लापरवाही, उपभोक्ता आयोग ने खारिज किया वाद

लखनऊ: साबित नहीं हुई चिकित्सक की लापरवाही, उपभोक्ता आयोग ने खारिज किया वाद

लखनऊ, अमृत विचार। 2013 में बस्ती में तैनात रहे जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) पूरन सिंह चौहान ग्लोबल मेडिकेयर के चिकित्सक डॉ. दीपक अग्रवाल पर उपचार में गलत सलाह और लापरवाही साबित नहीं कर पाए। इस पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने वाद खारिज कर दिया है।

मारुति पुरम् कालोनी अयोध्या रोड लखनऊ निवासी पूरन सिंह चौहान के मुताबिक वह 2013 में डीएसओ बस्ती रहे। उस समय पेट में दर्द होने पर वह ग्लोबल मेडिकेयर, लिवर लंग, गैस्ट्रोकेयर सेंटर यूनिट निराला नगर में भर्ती हुए। वहां डॉ. दीपक अग्रवाल ने उपचार किया। 11 सितंबर 2013 को जांच के दौरान ह्दय रोगी पाया और इसका भी उपचार किया। 

दूसरे दिन डॉ. दीपक की सलाह पर परिजन एयर एंबुलेंस से मेदांता हास्पिटल गुरुग्राम ले गए। वहां जांच रिपोर्ट में रेस्पिरेटरी फेलियर और ब्रोन्कियल अस्थमा निकला। उपचार व आनेजाने में लाखों रुपये खर्च बताए। उसी समय डॉ. दीपक पर गलत सलाह व लापरवाही का आरोप लगाते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग में वाद दायर कर कुल खर्च 49 लाख रुपये का दावा किया था। 

इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति व अध्यक्ष अशोक कुमार ने की। न्यायालय में डॉ. दीपक ने अपना पक्ष और साक्ष्य रखे। जबकि पूरन सिंह की तरफ ऐसा कोई चिकित्सीय प्रमाण नहीं दिया गया इससे की सेवा में कमी या चिकित्सीय लापरवाही साबित हो सके। न्यायालय ने कहा कि ऐसे में आशंका, अनुमान और कल्पना के आधार पर चिकित्सक को दोषी नहीं ठहरा सकते। इसलिए वाद निरस्त कर दिया।

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