फिरोजाबाद सीट पर सपा-भाजपा के बीच चुनौतीपूर्ण संघर्ष, 19 लाख मतदाता करेंगे जीत का फैसला

फिरोजाबाद सीट पर सपा-भाजपा के बीच चुनौतीपूर्ण संघर्ष, 19 लाख मतदाता करेंगे जीत का फैसला

फिरोजाबाद। फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर तीसरे चरण का चुनाव प्रचार तेजी पकड़ता जा रहा है। इस सीट पर भाजपा, सपा और बसपा के त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच चुनौतीपूर्ण संघर्ष की स्थिति बन गई है। दोनों ही दलों के प्रत्याशियों की जीत पक्की करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की चुनावी सभाओं का सिलसिला जारी है। 

हालांकि हार जीत का फैसला तो लोकसभा क्षेत्र के करीब 19 लाख मतदाताओं के द्वारा किया जाना है। फिरोजाबाद लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है। हालांकि इस सीट पर कभी किसी राजनीतिक दल का एक छत्र राज्य नहीं रहा है। मैनपुरी जनपद से लगे होने के कारण नए परिसीमन के बाद यह लोकसभा सीट यादव बाहुल्य‌‌ मतदाताओ की वजह से ‌समाजवादी पार्टी के गढ़ में शामिल मानी जाती है। 

फिलहाल यहां पांच विधानसभा में से तीन विधानसभा पर‌ समाजवादी पार्टी का कब्जा है जबकि दो भाजपा के पास है। इस लिहाज से सीधा-सीधा संघर्ष सपा और भाजपा के बीच माना जा रहा है। फिरोजाबाद लोक सभा सीट पर कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में है जिसमें मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी ने ठाकुर विश्व दीप सिंह को‌ वर्तमान सांसद डॉक्टर चंद्र सेन जादौन के स्थान पर‌ अपना प्रत्याशी बनाया है।‌ 

विश्व दीप सिंह वर्ष 2014 में बसपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़कर हार चुके हैं इस बार उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने टिकट देकर चुनाव लड़ने का मौका दिया है हालांकि उनके पिता वर्ष 1957 में स्वर्गीय ठाकुर ब्रजराज सिंह सोशलिस्ट पार्टी के समर्थन से सांसद चुने गए थे। वहीं समाजवादी पार्टी ने पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को तीसरी बार यहां चुनाव मैदान में पार्टी की ओर से उतरा‌ है। 

अक्षय यादव ने 2014 में भाजपा के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को शिकस्त देकर विजय प्राप्त की थी वहीं 2019 में भाजपा के डॉक्टर चंद्र सेन जादौन ने अक्षय यादव को हराकर भाजपा को‌ विजय श्री दिलाई थी।‌ सपा की ओर से अक्षय यादव एक बार फिर चुनाव मैदान में समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा बचाने के लिए जी जान से जुड़े हुए हैं उनके समर्थन में शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव क्षेत्र में जनसभाएं करेंगे।

जीत की प्रतिष्ठा को लेकर प्रोफेसर रामगोपाल यादव यहां रहकर चुनाव प्रचार और प्रबंधन पर पूरी कमान कैसे हुए हैं। बसपा से अलग हुए मंडल प्रभारी सत्येंद्र जैन सोली को सपा में शामिल कर रामगोपाल यादव ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव पद से नवाजा है अब देखना है उसका कितना लाभ उन्हें मिल पाता है। बसपा ने सत्येंद्र जैन सोली को पहले अपना प्रत्याशी घोषित किया था बाद में उन्होंने प्रत्याशी बदल दिया जिसकी वजह से सतेंद्र जैन सोली ने बसपा से त्यागपत्र देकर सपा का दामन थामा है। 

बहुजन समाजवादी पार्टी का लोकसभा क्षेत्र में प्रदर्शन दोनों पार्टियों की तुलना में कमजोर रहा है। इस बार आगरा के चौधरी बशीर को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है हालांकि जब निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरे थे तब केवल ढाई हजार के लगभग वोट प्राप्त हुए थे। इस बार बहुजन समाजवादी पार्टी के मतदाताओं के अलावा समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास से जीत हासिल करने की कोशिश में चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। 

मतदाताओं को एकजुट करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती का भी आने का कार्यक्रम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ चुनावी सरगर्मी बरावर बढ़ती जा रही है प्रचार के अंतिम समय में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गृहमंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को चुनावी हवा बनाने के लिए सपा‌ के गढ़ को ध्वस्त करने की ‌कोशिश में चुनाव प्रचार के लिए बुलाने का कार्यक्रम है। 

भारतीय जनता पार्टी अपनी इस सीट‌ पर कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में ‌लगी हुई है वहीं समाजवादी पार्टी और बसपा भी चुनाव जीतने की कोशिश में पूरी तरह से दिन-रात एक दूसरे को शहमात देने में लगे हुए हैं। रूठे हुए लोगों को मनाने के दिन रात कोशिश की जा रही है‌।‌ इस प्रतिष्ठापूर्ण लड़ाई में हार जीत का फैसला क्षेत्र के मतदाताओं के हाथ में है वह किसको विजय श्री दिलाते है यह 4 जून को ही फैसला हो सकेगा।

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