Kanpur: प्लास्टिक से निकलने वाला ‘बिस्फेनोल ए’ क्या है? आखिर क्यों है ये मानव स्वास्थ्य के लिए घातक...पढ़ें- पूरी खबर

Kanpur: प्लास्टिक से निकलने वाला ‘बिस्फेनोल ए’ क्या है? आखिर क्यों है ये मानव स्वास्थ्य के लिए घातक...पढ़ें- पूरी खबर

कानपुर, अमृत विचार। प्लास्टिक प्रदूषण वर्तमान में पृथ्वी के लिए बड़ी समस्या बन गया है। यह प्रदूषण पर्यावरण को गंभीर रूप में प्रभावित कर रहा है और हमारे समाजिक, आर्थिक और मानव स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रहा है। प्लास्टिक के उपकरणों से निकलने वाली रसायन बिस्फेनोल ए (बीपीए) तो मानव हार्मोंस प्रणाली पर बुरा असर डालता है और कई रोगों का कारण बन सकता है। 

यह बात एमडी मेडिसिन व पर्यावरणविद् डॉ. आमरीन फातिमा ने कही। पृथ्वी दिवस पर उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण के कारणों, प्रभावों और समाधानों के बारे में अमृत विचार के साथ विस्तार से चर्चा की।

प्लास्टिक हमारे लिए क्यों समस्या बनी हुई है?

प्लास्टिक की आवश्यकता के साथ-साथ उसका दुरुपयोग भी बढ़ गया है। प्लास्टिक की अत्यधिक उपयोगिता, सिंगल यूज प्लास्टिक उपकरणों की अधिकता और प्लास्टिक के अवशेषों का प्रबंधन करने की कमी यह सभी समस्या बढ़ने के प्रमुख कारण हैं।

प्लास्टिक का हमारे पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?

प्लास्टिक प्रदूषण का पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव है। प्लास्टिक के अवशेष जल, पृथ्वी, और वायु में व्यापक रूप से फैल जाते हैं, जिससे पर्यावरण पर बुरा असर होता है। जलवायु परिवर्तन, जीवाश्म और प्राकृतिक संसाधनों की कमी प्लास्टिक प्रदूषण के कारण हैं। इसके साथ ही समुद्री जीवन को खतरे में डालना भी एक मुख्य समस्या है, क्योंकि प्लास्टिक समुद्री जीवों को नुकसान पहुंचाता है।

प्लास्टिक का मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?

प्लास्टिक प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव होता है। अज्ञात प्लास्टिक के अवशेष खाद्य पदार्थों में मिल जाते हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक के उपकरणों से निकलने वाले खनिज रसायन जैसे बिस्फेनोल ए (बीपीए), हार्मोन प्रणाली पर बुरा असर डालता है और कई रोगों का कारण बन सकता है। प्लास्टिक प्रदूषण से घुटन, सांस लेने में तकलीफ की समस्या बढ़ जाती है।

प्लास्टिक का समाधान क्या है?  

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सामाजिक और सरकारी स्तर पर कई कदम उठाने की जरूरत है। प्राथमिक रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक उपकरणों का उपयोग कम करना और दोबारा उपयोग करने वाले उपकरणों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इसके अलावा प्लास्टिक अवशेषों का सही प्रबंधन और पुनर्चक्रण भी महत्वपूर्ण है। 

सरकार को कानून बनाकर प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करना चाहिए और जन-समुदाय को इसके परिणामों से जुड़े प्रभावों के बारे में जागरूक करना चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण के लिए समुद्री सफाई अभियान, नदियों और झीलों को साफ करने की योजनाएं महत्वपूर्ण हैं। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में सहायता करे। 

व्यावसायिक स्तर पर सजगता की भी जरूरत 

प्लास्टिक का उपयोग कम करना, पुनर्चक्रण करना और अपने समाज में जागरूकता फैलाना, सभी का कर्तव्य है। एक स्वच्छ, स्वस्थ और प्राकृतिक पर्यावरण का निर्माण कर सकते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान करने के लिए सामाजिक, आर्थिक और व्यावसायिक स्तर पर सजागता की जरूरत है।

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