Kanpur News: नि:संतान महिलाओं के लिए अच्छी खबर; यह थेरेपी बनी वरदान...बांझपन की समस्या से दिलाएगी मुक्ति

Kanpur News: नि:संतान महिलाओं के लिए अच्छी खबर; यह थेरेपी बनी वरदान...बांझपन की समस्या से दिलाएगी मुक्ति

कानपुर, अमृत विचार। निसंतानता से जूझ रही महिलाओं के लिए यह एक अच्छी खबर है। अब प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) तकनीक की मदद से महिलाओं में निसंतानता को दूर किया जा सकता है। इस तकनीक की मदद से कुछ महिलाओं को लाभ मिला है। पीआरपी थेरेपी में महिला के शरीर से ही खून से विशेष तकनीक से प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा निकाला जाता है। उसके बाद इंजेक्शन के जरिए इन महिलाओं को लगाया जाता है, जिससे उनमे नए सेल विकसित होते है। 

स्वरूप नगर स्थित एक होटल में शनिवार शाम को कानपुर ओब्स एंड गाइनी व कानपुर आईएसओपीएआरबी सोसाइटी और शिवानी हॉस्पिटल एंड आईवीएफ कानपुर के बीच गोष्ठी हुई। आईएसओपीएआरबी सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ.नीलम मिश्रा ने बताया कि बांझपन का कारण केवल अंडे कम या ना बनना नहीं है। बल्कि उनका निषेचन के बाद सही प्रकार से बच्चे दानी में न पनपना भी है। 

बच्चेदानी का आंतरिक स्वास्थ्य खराब होने से गर्भपात का कारण अधिक सफाई होना, टीबी संक्रमण, गुप्त रोग समेत आदि है। भोपाल से आई डॉ.दिव्या शर्मा ने बताया कि बच्चेदानी की परत में पतलापन और प्रजनन संबंधी समस्याओं का समाधान प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा (पीआरपी) है। पीआरपी से स्त्री का स्वास्थ्य अच्छा होता है और प्रजनन संबंधी समस्याओं का भी समाधान है। 

यह अद्वितीय चिकित्सा प्रक्रिया स्त्री के गर्भाशय की झिल्ली की जीवंतता को बढ़ाती है और गर्भधारण के अवसरों को भी बढ़ाती है। इस तकनीक से आईवीएफ की सफलता दर बढ़ी है। पीआरपी एडोमेट्रियम की ग्रोथ को बढाता है। अगर गर्भाशय की सबसे अंदरूनी परत पतली है तो भ्रूण को स्थानांतरण करने से पहले पीआरपी के इंजेक्शन दिए जा सकते हैं, जिससे बांझपन की समस्या कई महिलाओं में दूर हुई है। 

कानपुर ओब्स एंड गाइनी सोसाइटी अध्यक्ष डॉ. कल्पना दीक्षित ने गर्भावस्था में इंट्रावीनस आयरन ट्रांसफूजन के फायदे बताएं। इस दौरान मुख्य संरक्षिका डॉ. मीरा अग्निहोत्री, सचिव डॉ.किरन सिन्हा, डॉ. रेशमा निगम, डॉ.विनीता अवस्थी, डॉ. रश्मि भूषण, डॉ.मोहिता गुलाटी, डॉ.गरिमा गुप्ता समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहीं। 

अधिक उम्र में शादी, प्रदुषण, जंक फूड समेत कई वजह 

शिवानी हॉस्पिटल एंड आईवीएम की निदेशक डॉ.राशि मिश्रा ने बताया कि कम अंडे की समस्या से परेशान महिलाओं के लिए अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की विधि है। अंडाशय में समय से पहले अंडो की संख्या कम होने से गर्भधारण में दिक्कत पैदा हो सकती है। गर्मधारण में दिक्कत की मुख्य वजह अधिक उम्र में शादी व बच्चे की प्लानिंग करना, प्रदुषण, तनाव युक्त जीवनशैली, जंक फूड का सेवन, खाने में केमिकल और फर्टिलाइजर का इस्तेमाल व सर्वाइवर कैंसर की संख्या बढ़ने की वजह से यह परेशानी 10 से 35 प्रतिशत महिलाओं में  देखने को मिल रही है। एक साल में 16 महिलाओं को पीआरपी दी गई है, जिनमे से तीन महिलाओं की सुनी गोद भरी है। जबकि अन्य केसों में यह थेरेपी अभी जारी है।

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