मुरादाबाद : कोविड में माता-पिता को खोने वाले बच्चे घर छोड़ चले गए, सुराग नहीं

फॉलोअप :  भतीजी-भतीजा के अपहरण के आरोप में पांच अप्रैल को लिखाई थी एफआईआर, 28 मार्च की आधी रात को चाचा-चाची को बिना बताए घर से निकल गए थे दोनों बच्चे

मुरादाबाद : कोविड में माता-पिता को खोने वाले बच्चे घर छोड़ चले गए, सुराग नहीं

मुरादाबाद, अमृत विचार।  कोविड में माता-पिता को खोने वाले भाई-बहन अपने चाचा-चाची को बिना कुछ बताए 28 मार्च की आधी रात को घर से कहीं चले गए थे। इनके लापता होने के 23 दिन बीत गए हैं लेकिन, चाचा-चाची पता नहीं लगा पाए हैं और न ही पुलिस कुछ सुराग लगा पाई है। इन बच्चों के चाचा रवि पांडेय ने लापता होने के कुछ दिनों तक तलाश की लेकिन, जब कहीं कोई जानकारी नहीं मिली थी तो पुलिस की मदद लेने को उन्होंने 5 अप्रैल को सिविल लाइंस थाने में अपहरण के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी।

रवि एमडीए नवीन नगर में किराए से रहते हैं। बताया कि इन बच्चों की चिंता में वह काम पर भी नहीं जा पा रहे हैं। घर में सभी उदास रहते हैं। पुलिस ने भी कोई मदद नहीं की है। एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी वह कई बार सिविल लाइंस थाने गए और रामगंगा पुलिस चौकी प्रभारी से भी मिले लेकिन, मदद नहीं मिली है।

रवि पांडेय ने बताया कि बड़े भाई-भाभी का कोरोना काल में निधन हो गया था। उनके दो बच्चों का पालन-पोषण वही कर रहे थे। 28 मार्च की रात दो बजे के दौरान दोनों बच्चे अचानक गायब हो गए। बच्चे मोबाइल भी साथ ले गए हैं। रवि व उनकी पत्नी सिम्मी ने कहा कि दोनों बच्चों की काफी तलाश की लेकिन, वह खोजे नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि लापता हुए दोनों बच्चों में 15 साल की उनकी भतीजी और 12 वर्ष की आयु का भतीजा है। इनका ननिहाल मंडी चौक पर है, पर ननिहाल से बच्चों का कोई ताल्लुक नहीं है। रवि ने बताया, उनके बड़े भाई ने भाभी से लव-मैरिज की थी।

भाई की ससुराल वालों ने अपनी बेटी को बेदखल कर दिया था। शादी के बाद से ससुराल से भाई का कोई नाता नहीं था। भाई-भाभी के निधन के बाद उनके दोनों बच्चे काफी समय तक बुआ के पास रहते थे। इधर, छह महीने से वह लाेग उनके (रवि) पास आकर रहने लगे थे। रवि पांडेय ने बताया कि दिल्ली में जहां जो रिश्तेदार है, वहां भी जानकारी कर चुके हैं।

भतीजी इंस्टाग्राम पर अपडेट कर रही फोटो
रवि पांडेय ने बताया कि उनके केवल एक ही बेटी है, जो 10 साल की है। इसके अलावा उनके भतीजी-भतीजा थे। ये दोनों मंडी बाग में स्कूल में पढ़ते थे लेकिन, ये लोग कोविड के बाद से स्कूल ही नहीं गए थे। इधर, चार-पांच महीने से ट्यूशन भी नहीं पढ़ने जा रहे थे। रवि ने बड़ी बात तो ये बताई कि उनके भतीजी-भतीजा साथ में ही मोबाइल ले गए हैं और भतीजी हर रोज मोबाइल पर इंस्टाग्राम पर अपना अपडेट फोटो भी डाल रही है। उनका मोबाइल अधिकांश बंद ही जा रहा है। रवि जेल रोड पर बिंदल रेडीमेड के यहां जॉब करते हैं।

पुलिस को रही चुनावी व्यस्तता, नहीं खोजे बच्चे
इस मामले में सिविल लाइंस थानाध्यक्ष राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि प्रकरण की विवेचना रामगंगा विहार पुलिस चौकी इंचार्ज राजविंदर कौर कर रही हैं। चुनाव की व्यस्तता में वह विवेचक से अपडेट नहीं ले पाए हैं। उधर, विवेचक/दरोगा राजविंदर कौर ने बताया कि बच्चों की तलाश में ज्यादा काम नहीं कर पाए हैं। वैसे बच्ची के पास मौजूद मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा रखा है। अब मतदान हो गया है, थोड़ी राहत मिली है। अब इस मामले में काम करेंगे।

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