पीलीभीत: बकसपुर में मतदान बहिष्कार का ऐलान, दौड़े अफसर...ग्रामीण बोले- पहले समाधान फिर मतदान 

पीलीभीत: बकसपुर में मतदान बहिष्कार का ऐलान, दौड़े अफसर...ग्रामीण बोले- पहले समाधान फिर मतदान 

पीलीभीत, अमृत विचार: लोकसभा चुनाव को लेकर एक तरफ अधिकारी मतदान कराने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे थे। वही, शहर से सटे बकसपुर गांव में मतदान का बहिष्कार कर दिया गया। इसकी सूचना मिलने पर एसडीएम आशुतोष गुप्ता, सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और मनाने में जुटे रहे। लोगों ने साफ कहा कि जब तक रास्ता नहीं मिलेगा, वह मतदान नहीं करेंगे। अफसर मनाने में जुटे हुए है लेकिन बात नहीं बन सकी है। सीओ की भाषा को लेकर पूर्व प्रधान ने नाराजगी जताई और उनकी बहस भी हुई। 

ग्रामीणों का कहना है कि कई दशकों से गांव का रास्ता ऑफिसर्स कालोनी होते हुए था। मगर बीते दिनों प्रशासन ने इस रास्ते को बंद करवा दिया। इसकी जब शिकायत की तो कोई सुनवाई नहीं हुई। जनप्रतिनिधि भी अनसुना कर गए। उल्टा मुचलका पाबंद कर दिया। इसी को लेकर ग्रामीणों ने मतदान बहिस्कार का ऐलान कर दिया। सीओ सिटी ने ग्रामीणों से कहा कि पैदल निकलने का रास्ता दे  रखा है। वहां से पैदल जाएं। ग्रामीणों ने कहा कि बच्चे साइकिल लेकर स्कूल कैसे जाएंगे। दस फिट के रास्ते की मांग की। 

इस पर सीओ ने कहा कि ट्रैफिक थोड़ी निकलवा दिया जाएगा। फिर पूर्व प्रधान दहगला जसपाल सिंह की सीओ से बहस हुई। सीओ की भाषा शैली को लेकर अभद्रता जताई गई। इसे लेकर ग्रामीण भी खफा हुए। अफसर मनाने में जुटे है। बताते है कि गांव में करीब एक हजार वोट है। एक जिम्मेदार ने बताया कि एक वोट पड़ चुका है। हालांकि अफसरों और ग्रामीणों के बीच वार्ता चल रही है। 

दूसरे गांव के पूर्व प्रधान की हुई फजीहत 
सीओ से हुई बहस के बाद दहगला गांव के पूर्व प्रधान जसपाल सिंह की भी ग्रामीणों ने फजीहत कर डाली। बकसपुर के ग्रामीणों ने दहगला के पूर्व प्रधान को उस वक्त गांव से जाने को कह दिया जब वह उनकी मांग के बीच में बोलने लग गए। ग्रामीणों ने साफ कहा कि आखिर वह उनके गांव के प्रकरण में बोलने वाले कौन होते है। आज तक जब ग्रामीण परेशान हो रहे थे तो कोई मदद को नही आया। ग्रामीणों पर कार्रवाई हुई, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं सुनी। इसके बाद वह भीड़ का गुस्सा भांप निकल गए।