Chaitra Navratri 2024: उन्नाव में नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की मंदिरों और घरों में हुई पूजा-अर्चना...व्रत रख की मनोवांछित फल की कामना

उन्नाव में नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की मंदिरों और घरों में हुयी पूजा अर्चना

Chaitra Navratri 2024: उन्नाव में नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की मंदिरों और घरों में हुई पूजा-अर्चना...व्रत रख की मनोवांछित फल की कामना

उन्नाव, अमृत विचार। चैत्र नवरात्र के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता के दर्शन के लिये शनिवार सुबह से ही नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में भक्तों की भीड़ रही। इस दौरान श्रद्धालुओं ने माता की मंदिरों व घरों में विधि विधान से पूजा अर्चना की। वहीं कुछ लोगों ने व्रत रखकर मनोवांछित फल की कामना की। इसके साथ ही मंदिरों में मुंडन संस्कार कराने के लिये लोगों की भारी भीड़ रही।

बता दें शनिवार को मां स्कंदमाता के स्वरूप के दर्शन के लिये मां के दरबार को भव्य तरीके से सजाया गया। मंदिरों में सुबह से लेकर देर शाम देवी भक्तों की भीड़ रही। घरों में मां का पूजन और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। घरों में  स्थापित कलश की पूजन- अर्चना करने के साथ मंदिरों में भी भक्तों ने मत्था टेक मां से मनोकामना सिद्ध करने की प्रार्थना की। दिनभर मां के जयकारे लगते रहे।

Navrat 1

पुजारी ने बताया कि मां स्कंदमाता की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से ऐच्छिक मनोकामनाएं पूरी होती है। उन्होंने बताया कि नवदुर्गा का पांचवां स्वरूप स्कंदमाता का है। यह माता चार भुजाधारी कमल के पुष्प पर बैठती हैं। इसलिए मां को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। इनकी गोद में कार्तिकेय भी बैठे हुये हैं। इनकी पूजा से कार्तिकेय की पूजा स्वयं हो जाती है। पौराणिक मान्यता है कि स्कंदमाता की आराधना से सूनी गोद भर जाती है।

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