Exclusive News: तीन माह से सेतु निगम कर रहा डीपीआर का इंतजार...अब बदली गई कंसल्टेंट टीम, पढ़ें- पूरी खबर

कानपुर में अब गाजियाबाद की कंसल्टेंट टीम बनाएगी अंडरपास की डीपीआर

Exclusive News: तीन माह से सेतु निगम कर रहा डीपीआर का इंतजार...अब बदली गई कंसल्टेंट टीम, पढ़ें- पूरी खबर

कानपुर, (अभिनव मिश्रा)। करीब चार महीने के इंतजार के बाद भी जरीबचौकी अंडरपास की डीपीआर न मिलने के बाद सेतु निगम ने कंसल्टेंट टीम बदल दी है। सेतु निगम ने मल्टीडायरेक्शन अंडरपास निर्माण के लिए गाजियाबाद की कंसल्टेंट टीम का चयन किया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी गुड़गांव की कंसल्टेंट कंपनी के पास थी। साथ ही अंडरपास की ड्राइंग एक अन्य टीम तैयार कर रही है। अनवरगंज से मंधना तक एलिवेटेड ट्रैक बनाने के लिए योजना तैयार की गई थी।  

अनवरगंज से मंधना रेलवे स्टेशन तक जीटी रोड के समानांतर पड़ने वाली रेलवे लाइन पर 14 रेलवे क्रॉसिंग के कारण जीटी रोड पर भारी समस्या को सामना करना पड़ता है। इससे निजात के लिए रामादेवी से गोल चौराहे तक 10.85 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनाने की योजना बनाई गई है। बाधा बन रही जरीब चौकी क्रासिंग के लिए सेतु निगम ने जरीबचौकी से घंटाघर, पीरोड, रामादेवी, गोल चौराहे से कालपी रोड आवागमन के लिए डबल लेयर मल्टी डायरेक्शन अंडरपास बनाने की योजना तैयार की थी।

जिसकी अनुमानित लागत 360 करोड़ रुपये थी। जरीबचौकी क्रॉसिंग पर मल्टीडायरेक्शन अंडरपास की डीपीआर तैयार करने का काम गुड़गांव की कंसल्टेंट टीम को सौंपा गया था। कंसल्टेंट टीम को नवंबर माह में डीपीआर रिपोर्ट सेतु निगम को सौंपनी थी, जो अब भी नहीं सौंपी जा सकी। अब सेतु निगम ने गाजियाबाद की सीएम इंजीनियरिंग एंड सॉल्यूशन को डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही अंडरपास की ड्रांइग का जिम्मा त्रिपुंड एक्सप्लोरेशन प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। चयनित की गई कंसल्टेंट ने काम शुरू कर दिया है।

कंसल्टेंट टीम का चयन करने के बाद सेतु निगम अधिकारी एलिवेटेड रोड का निर्माण कराने वाले एनएच पीडब्ल्यूडी अधिकारियों संग बैठक करने की तैयारी में जुट गए हैं। सेतु निगम एलिवेटेड रोड की डीपीआर तैयार करने वाली कंसल्टेंट टीम हेक्सा के साथ चर्चा करेगी, जिससे एलिवेटेड रोड निर्माण में अंडरपास की समस्या न आए।

यूटिलिटी शिफ्टिंग का 207.75 करोड़ का एस्टीमेट

मल्टी डायरेक्शन अंडरपास निर्माण के लिए स्मार्ट सिटी, जल निगम, वन विभाग, जलकल, केस्को, समेत अन्य विभागों ने जनसुविधाओं से जुड़े संसाधन (यूटिलिटी) शिफ्टिंग के लिए करीब 207.75 करोड़ रुपये का एस्टीमेट भी सौंप दिया था। जिनसे बिजली के पोल, अंडरग्राउंड केबल, सीवर लाइन, वाटर लाइन, पेड़-पौधे हटाए जाने थे। 

चार महीने इंतजार के बाद भी पूर्व चयनित कंसल्टेंट टीम डीपीआर नहीं सौंप सकी। इस पर गाजियाबाद की कंसल्टेंट कंपनी को डीपीआर तैयार करने के लिए चयनित किया गया है।- विजय कुमार सेन, मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम

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