Kanpur News: गलतियों से बचने के लिए शरिया हेल्प लाइन नंबर जारी; मिलेगी रमजान से जुड़ी सभी जानकारी
कानपुर, अमृत विचार। मुस्लिम समुदाय रमजान माह को पवित्र मानता है, इस माह की विशेषताएं भी हैं। माह भर के रोजे में रात में तरावीह की नमाज पढ़ना, कुरान तिलावत, लोगों के कल्याण के लिए अल्लाह से दुआ करते हुए मौन रहना, जकात देना और दान करने का यह महीना माना जाता है। लेकिन रमजान माह में लोग गलतियां भी करते हैं। इसी के लिए कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी ने शरिया हेल्प लाइन नंबर जारी किया है। जिससे पता चले कि रमजान की कद्र और इसका एहतराम कैसे करना चाहिए।
कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी के मुफ्तियों ने अवाम से अपील की है कि हेल्प लाइन नंबर पर रमजान से जुड़ी सभी जानकारी ले सकते हैं। बुधवार को हुई प्रेसवार्ता में कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी के अध्यक्ष मुफ्ती इकबाल अहमद कासमी ने कहा कि मुबारक महीने में किसी को कोई भी मसला पेश आए तो उनके मोबाइल नंबरों पर राफ्ता करके अपने मसले को हल करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि समुदाय का हर बुद्धिमान व बालिग का पूरे माह रोजा रखना जरूरी है। मुसाफिर, मरीज, विकलांग व वृद्ध को छोड़कर सभी को रोजा रखना है। रोजा न रखना गुनाह है, जो अल्लाह के अजाब को दावत देता है। उन्होंने बताया कि पूरे माह 20 रकअत तरावीह एहतमाम से पढ़ना सुन्नत ए मुतवातिर है।
तरावीह में पूरे कुरआन का सुनना भी बड़ी सुन्नत है। इसलिए रमजान माह में 20 रकअत तरावीह एहतमाम से पढ़ना जारी रखें। औरतों पर भी तरावीह की नमाज घरों में पढ़ना सुन्नते मुअक्किदा है। कुरआन करीम का तरावीह में सुनना व सुनाना बहुत मुबारक काम है।
मुफ्ती इकबाल अहमद कासमी ने बताया कि जब कुरआन पढ़ा जाए तो अदब व खामोशी से सुना जाए। आवाज भी न सुनाई दे। आगे बताया कि रमजान के आखिरी दस दिनों में शब ए कद्र है और ऐतिकाफ भी आखिरी दस दिनों में सुन्नत मुअक्किदा अललकिफायह है। औरतें घरों में ऐतिकाफ का एहतमाम करें।
इन नंबरों पर करें संपर्क
मौलाना मुफ्ती इकबाल अहमद कासमी 9450120937
मौलाना खलील अहमद मजाहिरी 9889370978
मौलाना मुफ्ती अब्दर्रशीद कासमी 9984181490