फिरोजाबाद: मथुरा हादसे में जिंदा जले युवकों में तीन थे इंजीनियर, एक करता था कॉल सेंटर में जॉब तो एक कर रहा था तैयारी

फिरोजाबाद: मथुरा हादसे में जिंदा जले युवकों में तीन थे इंजीनियर, एक करता था कॉल सेंटर में जॉब तो  एक कर रहा था तैयारी

फिरोजाबाद, अमृत विचार। सोमवार सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में मृतक पांचों युवक बहुत होना अर्थ इनमें से कोई इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था तो कोई पेशे से  इंजीनियर था। किसी पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी थी तो कोई अपने पिता का इकलौता चिराग था। हादसे के बाद हर परिवार में कोहराम है। मोहल्ले और गलियों में मातम छाया  गुजारा चला रहा था हर परिवार को अपने चिराग से एक आस थी। लेकिन ये आस  हमेशा के लिए खत्म हो गई। 

शिकोहाबाद के एटा चौराहे के रहने वाले अतिन  इंजीनियरिंग की कॉम्पटीशन की तैयारी दिल्ली में कर रहा था। अंशुमन का दोस्त था। अतिन की 12 मार्च की शादी थी। पूरा परिवार शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था। जैसे ही उसकी मौत की खबर परिवार को लगी तो शादी वाले घर में कोहराम मच गया। अतिन परिवार में दूसरे नंबर का था। बड़ा भाई सचिन है।

घर से कुछ ही घंटे पहले निकला था ड्यूटी को अंशुमन, पत्नी स्तब्ध

शिकोहाबाद में छुट्टी बिताने के बाद अंशुमान अपनी स्विफ्ट डिजाइर कार को लेकर नोयडा नौकरी के लिए सोमवार सुबह घर से निकला था। उसके साथ उसका दोस्त अतिन समेत पांच लोग थे। अंशुमन का पूरा परिवार घर पर था। जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो पूरा परिवार स्तब्ध रह गया। अंशुमन अपने पिता की इकलौती संतान थी। उसकी एक साल पूर्व शादी हुई थी। पत्नी विशाखा ने जब यह सुना तो वह स्तब्ध रह गई।

युवक की मां और पिता परिवार के अन्य लोगों के साथ मथुरा के लिए रवाना हो गये। वहीं विशाखा को ढांढंस बंधाने के लिए मोहल्ले और परिवार की अन्य महिलाएं पहुंच गई। विशाखा का रो-रो कर बुरा हाल है। वह अपने पति की जुदाई को समझ ही नहीं पा रही थी। कुछ ही घंटे पहले उससे मिल कर ड्यूटी के लिए निकला था। मृतक अपने पिता के बुढ़ापे की इकलौती लाठी था। लेकिन बुढ़ापे में वह अपने माता-पिता के ऊपर अपनी विधवा पत्नी का बोझ छोड़ कर चला गया। अचानक हुए ह्रदय विदारक हादसे को सुन कर लोगों का उसके घर पर तांता लग गया। सभी लोग उसके शव के आने की प्रतीक्षा में उसके घर पर एकत्रित हो गये 

जैद सईद खान पर थी परिवार की जिम्मेदारी कॉल सेंटर में करता था जॉब

फिरोजाबाद के मुस्ताक बिल्डिंग के समीप रहने वाली जैद सईद खान अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए जैद सैयद खान दिल्ली एनसीआर में कॉल सेंटर पर नौकरी करता था।परिवार की माली हालत को देखते हुए जैद पर ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी क्योंकि उसके पिता रफत सैयद खान की पहले ही मौत हो चुकी है जैद की मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है और परिवार टूट कर बिखर सा गया है जैद खान ने इंटर की पढ़ाई कर रखी थी।

सरवर हुसैन के परिवार को थी उससे बहुत उम्मीद परिवार का रो-रो कर बुरा हाल

 सरवर हुसैन  राजपूताना मोहल्ला फिरोजाबाद के रहने वाले हैं जो कि गुड़गांव में इंजीनियरिंग की जॉब करते थे वह भी छुट्टी पर आए थे और आज जॉब पर सुबह गुडगांव जा रहे थे। लेकिन कार में जलकर उनकी भी मौत हो गई सरवर हुसैन के पिता आजाद हुसैन चूड़ी का गोदाम चलाते हैं।

शिव किशन के पिता ग्लास फैक्ट्री में करते हैं काम परिवार को था बेटे का बहुत सहारा था

शिव किशन  सुहाग नगर सेक्टर नंबर 4 के रहने वाले हैं वह भी गुड़गांव में ही इंजीनियरिंग की जॉब करते थे घर वालों के मुताबिक 3 साल से शिव किशन गुड़गांव में जॉब कर रहे थे शनिवार को छुट्टी लेकर घर आए थे और आज वह भी इसी कार से गुडगांव जा रहे थे उनकी मौत की खबर से भी परिवार में कोहराम मच गया है शिव किशन के पिता बालकिशन शर्मा ग्लास फैक्ट्री में काम करते हैं और उसका एक बड़ा भाई भी है वह भी जॉब करता है शिव किशन की मौत से परिवार में उनकी मां और परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है।

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