भारत ने मिजोरम भागकर आए म्यांमार के 184 सैनिकों को वापस भेजा, जानिए...

भारत ने मिजोरम भागकर आए म्यांमार के 184 सैनिकों को वापस भेजा, जानिए...

आइजोल। भारत ने म्यांमार के 184 सैनिकों को उनके देश वापस भेज दिया है। ये सैनिक बीते सप्ताह एक जातीय विद्रोही समूह के साथ गोलीबारी के बाद भाग कर मिजोरम आ गए थे। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। असम राइफल्स के अधिकारी ने बताया कि बीते सप्ताह म्यांमार के कुल 276 सैनिक मिजोरम में दाखिल हुए थे और उनमें से 184 को सोमवार को वापस भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि सैनिकों को आइजोल के पास लेंगपुई हवाई अड्डे से पड़ोसी देश के राखिन राज्य में सिटवे तक म्यांमार वायु सेना के विमानों से भेजा गया। 

अधिकारी के अनुसार, शेष 92 सैनिकों को मंगलवार को वापस उनके देश भेजा जाएगा। म्यांमार के सैनिक 17 जनवरी को हथियारों एवं गोला-बारूद के साथ दक्षिणी मिजोरम के लॉन्गतलाई जिले में भारत-म्यांमा-बांग्लादेश सीमा पर स्थित बांडुकबंगा गांव में घुस गए और असम राइफल्स के पास पहुंचे थे। सैनिकों के शिविर पर 'अराकान आर्मी' के लड़ाकों ने कब्जा कर लिया था जिसके बाद ये सैनिक भागकर मिजोरम पहुंचे थे।

अधिकारी ने कहा कि म्यांमार के सैनिकों को पास स्थित पर्व में असम राइफल्स के शिविर में ले जाया गया और बाद में उनमें से अधिकतर को लुंगलेई में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि तब से सैनिक असम राइफल्स की निगरानी में हैं। इन 276 सैनिकों को लेंगपुई हवाई अड्डे से म्यांमा ले जाने के लिए शनिवार और रविवार को आइजोल लाया गया था। 

अधिकारियों ने बताया कि इस समूह का नेतृत्व एक कर्नल कर रहे हैं। इसमें 36 अधिकारी और 240 निचले स्तर के सैनिक हैं। उन्होंने बताया कि बीते सप्ताह म्यांमा से आए 276 सैनिकों को मिलाकर अबतक 635 सैनिक भागकर मिजोरम आ चुके हैं। सैनिकों के शिविरों पर जातीय सशस्त्र संगठनों और लोकतंत्र समर्थक बलों के कब्जे के बाद वे देश छोड़कर भागे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि भागकर आए सभी सैनिकों में से 359 सैनिकों को पहले ही उनके देश वापस भेजा जा चुका है। म्यांमा सेना के 104 जवानों को नवंबर में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलीकॉप्टरों द्वारा मिजोरम के विभिन्न स्थानों से मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह भेजा गया और फिर उन्हें वहां से उनके देश भेज दिया गया। वहीं, इस महीने की शुरुआत में 255 सैनिकों को म्यांमा वायु सेना के विमानों द्वारा लेंगपुई हवाई अड्डे से वापस भेजा गया था। मिजोरम की 510 किलोमीटर लंबी सीमा म्यांमा से लगती है। 

ये भी पढ़ें : बाइडन प्रशासन के अधिकारियों ने की भारत-अमेरिका संबंधों में तरनजीत संधू के नेतृत्व की सराहना