बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय में बनेगा वर्किंग वूमेन हॉस्टल, यूजीसी के निर्देशों के तहत जल्द ही जमीन की तलाश कर भेजी जाएगी रिपोर्ट

बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय में बनेगा वर्किंग वूमेन हॉस्टल, यूजीसी के निर्देशों के तहत जल्द ही जमीन की तलाश कर भेजी जाएगी रिपोर्ट

बरेली, अमृत विचार : यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को वर्किंग वूमेन हॉस्टल बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अनुदान भी दिया जाएगा। यूजीसी ने दस दिन में जमीन आदि संबंधी जानकारी भी मांगी है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है।

यूजीसी ने निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियां बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए मेट्रो सिटी और टायर वन शहरों में पढ़ाई के लिए जाती हैं। उन्हें सुविधाजनक और सुरक्षित स्थान के लिए वर्किंग वूमेन हॉस्टल (शक्ति निवास/डब्ल्यूडब्ल्यूएच) की आवश्यकता होती है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों में वर्किंग वूमेन हॉस्टल बनाने के निर्देश दिए हैं।

यदि विश्वविद्यालय इसके लिए स्थान का चयन करेगा तो निर्माण और प्रबंधन का खर्चा मंत्रालय उठाएगा। इसके लिए अगले दस दिन में स्थान चिन्हित कर भेजने को कहा है। यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष आर जोशी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि यूजीसी के निर्देशों के तहत विश्वविद्यालय में स्थान चिह्नित कर रिपोर्ट भेजी जाएगी। हालांकि अभी विश्वविद्यालय में एक छात्रावास वर्किंग वूमेन हॉस्टल के तौर पर ही संचालित किया जा रहा है।

विश्वविद्यालय ने बनाया लोकपाल, यूजीसी में नहीं अपडेट: यूजीसी ने देश के केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है, जिन्होंने अभी तक लोकपाल का गठन नहीं किया है। इसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय एक, राज्य विश्वविद्यालय 256, निजी विश्वविद्यालय 162 और डीम्ड विश्वविद्यालय दो हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के भी कई विश्वविद्यालय हैं, जिनमें रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अलावा एक निजी विश्वविद्यालय को डिफाल्टर की सूची में डाला गया है।

सभी विश्वविद्यालयों को जल्द लोकपाल के गठन का भी निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जिन्होंने लोकपाल का गठन कर लिया है, उसकी भी सूचना मांगी है और वेबसाइट पर भी इसे अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

हालांकि रुहेलखंड विश्वविद्यालय में मई 2023 में ही प्रो. वीपी सिंह को लोकपाल और समिति भी गठित की जा चुकी है। कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने लोकपाल का गठन काफी समय पहले कर दिया था। यूजीसी में इसकी सूचना अपडेट क्यों नहीं, इसके बारे में पता किया जाएगा।

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