नैनीताल: पाषाण देवी के अभिषेक को 200 लीटर दूध की व्यवस्था करेंगे यजमान 

नैनीताल: पाषाण देवी के अभिषेक को 200 लीटर दूध की व्यवस्था करेंगे यजमान 

चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल,अमृत विचार। ठंडी सड़क स्थित श्री मां पाषाण देवी मंदिर में 19 जनवरी से होने वाले तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के लिए यहां तैयारी तेज हो गई है। तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों की सामग्री भी यजमानों द्वारा भेजी जा रही है। 19 जनवरी को होने वाले अनुष्ठानों में देवी मां का 200 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक भी किया जाएगा।

दूध की व्यवस्था अनुष्ठानों में शामिल होने वाले यजमान ही करेंगे। इसके अलावा 21 जनवरी को होने वाले महा भंडारे की सामग्री भी यजमानों व भक्तों की ओर से होगी। मंदिर के मुख्य पुजारी जगदीश भट्ट ने बताया कि तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों में यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल सहित अन्य राज्यों से यजमान शामिल होंगे।
21 जनवरी को प्रातः पूजन, अखंड रामायण पाठ की समाप्ति पश्चात हवन पूर्णाहुति आदि धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न किए जाएंगे। इसके बाद कन्या पूजन के पश्चात श्री मां का विशाल भंडारा होगा। 


पाषाण देवी मंदिर में होते हैं देवी के 9 रूपों के दर्शन 
नैनीताल। यहां पाषाण देवी के 9 रूपों के साथ दर्शन होते हैं। यहां नैनी झील के किनारे एक चट्टान पर मां भगवती की आकृति बनी है। जो कि प्रकृति के द्वारा ही निर्मित है। मान्‍यता है कि मातारानी हजारों वर्षों से यहां व‍िराजकर पहाड़ी इलाकों की रक्षा कर रही हैं। मंदिर परिसर में ही नौ पिंडियां हैं, जिन्हें माता के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में माता रानी को लहंगा चुनरी की जगह सिंदूर का चोला पहनाया जाता है।

गंभीर चर्म रोग से जूझ रहे जातक भी हो जाते हैं निरोगी
नैनीताल। इस मंदिर को लेकर मान्‍यता है कि गंभीर से गंभीर चर्म रोग से जूझ रहे जातक यदि यहां आकर मां के दर्शन कर लें। इसके बाद वह मां के स्नान कराए गए पानी से नहा लें तो उनके सारे चर्म रोग दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं और मां को स्नान कराए गए जल का स्नान करते हैं। यहां आने वाले लोग अपने आंतरिक विकार से भी निजात पा जाते हैं। इस मंदिर में मां भगवती यानी कि मां दुर्गा की पूजा (दुर्गा चालीसा का पाठ) करने से व्यक्ति और उसके परिवार के लोगों को निरोग होने का वरदान मिलता है। खास बात यह है कि मां के इस जल को हर 10 दिन में एक बार निकाला जाता है।