हल्द्वानी: रिश्तों में उलझा अरुण, अपनों के बीच अकेला पड़ा तो मार डाला

सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। दो परिवारों के बीच बने रिश्तों में अरुण अकेला पड़ गया था। यहां तक की उसकी अपनी पत्नी भी उसकी बात नहीं सुनती थी। उसका झुकाव भी अपने जीजा के परिवार की ओर ज्यादा था। जबकि उसी परिवार से दुश्मनी रखने वाले अरुण को यह बात नागवार गुजरती थी। अपनों की पहले ही खो चुके अरुण को जब रिश्तों में भी तवज्जों नहीं मिली तो उसने हत्या जैसा जघन्य अपराध कर डाला। जबकि इससे पहले उस पर कभी मारपीट का मुकदमा भी नहीं दर्ज नहीं था।
अमित के पिता सुमेर कश्यप और अरुण के पिता गोपाल कश्यप की पत्नियां आपस में सगी बहनें हैं। ठीक इसी तरह अमित और अरुण की पत्नियां भी आपस में सगी बहनें हैं। यानी अमित और अरुण न सिर्फ साढ़ू थे बल्कि मौसेरे भाई भी थे। इधर, बीती 26 अक्टूबर को अरुण के भाई की मौत हो गई।
उसकी लाश पीलीभीत के एक तालाब में मिली। ये हत्या थी या मौत की वजह कुछ और थी, लेकिन मौत के लिए अरुण, सुमेर और उसके परिवार को जिम्मेदार मानता था। इसके बाद अरुण के पिता भी लापता हो गए और मिले ही नहीं। इसके लिए भी अरुण ने सुमेर को ही कुसूरवार ठहराया। तनातनी के बीच अरुण ने पत्नी को सुमेर के पूरे परिवार से दूर रहने की हिदायत दी, लेकिन वह नहीं मानी। अमित का भी अरुण के पीठ पीछे उसके घर आना-जाना लगा रहा।
बड़ा भाई और पिता, जिन्हें अरुण अपना मानता था वो साथ छोड़ कर जा चुके थे। पत्नी की सगी बहन अमित की पत्नी थी तो उसका झुकाव अमित के परिवार की ओर ज्यादा था। अरुण को यह सब अखर रहा था और जब वह खुद को अकेला महसूस करने लगा तो उसने सुमेर को ठिकाने लगाने का मन बना लिया। हालांकि एक रिश्तेदार से बातचीत में अरुण ने कहाकि उसे अफसोस है कि वह सुमेर को नहीं मार सका और दुख भी कि उसके हाथ से अमित की हत्या हो गई।
हत्या की हिम्मत जुटाने के लिए पी शराब
हल्द्वानी : पूछताछ में अरुण ने पुलिस को बताया कि वह रिश्तों में फंस कर उक्ता चुका था। वह यह नहीं कहता था कि उसके भाई की हत्या सुमेर ने की, लेकिन भाई की मौत के लिए सुमेर ही जिम्मेदार है। 26 नवंबर की सुबह ही उसने हत्या का मन बना लिया था, लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इसके लिए उसने सुबह से ही शराब पीनी शुरू कर दी थी और हत्या से ठीक पहले तक शराब पीता रहा। नशे में धुत होने के बाद उसने हत्या को अंजाम दिया और फरार हो गया।
बिजली न जाती तो बच जाती अमित की जान
हल्द्वानी : पुलिस पड़ताल में सामने आया कि घटना की रात अचानक बिजली नहीं कटी थी। बल्कि वहीं बिजली के पोल पर लगी रोड लाइट में स्पार्किंग होने लगी। एक व्यक्ति ने फोन कर विद्युत विभाग को सूचना दी और बिजली काट दी गई। इधर, पाटल खरीदने जा रहे अरुण ने सुमेर को दुकान पर बैठे देखा, लेकिन जब लौटा तो लाइट नहीं था और अंधेरे में हत्या करते वक्त उसे इस बात का एहसास भी नहीं हुआ कि जिसे वह मार रहा है वो सुमेर नहीं सुमेर का बेटा अमित है।