KGMU के डॉ. सूर्यकान्त को मिली एक और अन्तर्राष्ट्रीय पहचान, बने इस समिति के को-चेयरमेन 

KGMU के डॉ. सूर्यकान्त को मिली एक और अन्तर्राष्ट्रीय पहचान, बने इस समिति के को-चेयरमेन 

लखनऊ, अमृत विचार। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त को ग्लोबल एन्टी माइक्रोबियल रेजिसन्टेंस मीडिया एलायंस (गामा) की अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति का को-चेयरमेन चयनित किया गया है। इस संस्था में डॉ. सूर्यकान्त के साथ ही डॉ. जेरेमियाह चाक्या (पूर्व अध्यक्ष इन्टरनेशनल यूनियन अगेस्ट टीबी एण्ड लंग डिसीजेस एवं रेस्पिरेटरी सोसाइटी ऑफ केन्या के टेकनिकल डॉयरेक्टर) को भी को-चेयरमेन चयनित किया गया है। 

बता दें कि ग्लोबल एएमआर मीडिया एलायंस (गामा) विभिन्न क्षेत्रों के मीडिया का एक नेटवर्क है जो रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एन्टी माइक्रोबियल रेजिसन्टेंस-एएमआर) तथा वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (स्सटेनेबल डेवलपमेन्ट गोल्स-एसडीजी) के संदर्भ में मीडिया जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्य करता है। इसका विज़न मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए रोगाणुरोधी के जिम्मेदार और उचित उपयोग के लिए, मीडिया में और उसके माध्यम से रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एन्टी माइक्रोबियल रेजिसन्टेंस-एएमआर) के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, और इसका मिशन दुनिया भर में पत्रकारों और अन्य मीडिया (जैसे प्रिंट, ऑनलाइन, टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया, सामुदायिक मीडिया, आदि) और मीडिया नेटवर्क के साथ सहयोग करना है। 

गामा संस्था की स्थापना के अवसर पर 13 नवम्बर 2023 (भारतीय समय सायं 4:00 से 6 : 00 बजे) को एक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (वेबिनार) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि एन्टीबायटिक्स के दुरूपयोग के कारण पूरी दुनिया में 50 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। एन्टीबायटिक्स का उचित उपयोग न करने पर एन्टीबायटिक्स की जीवाणुओं (बैक्टेरिया) को मारने की क्षमता खत्म हो जाती है, इसी को एन्टी माइक्रोबियल रेजिसन्टेंस (एएमआर) कहते हैं। एएमआर के लिए दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं कई संस्थायें प्रतिबद्ध है। इसी के तहत मीडिया के माध्यम से चिकित्सकों, दवा विशेषज्ञों, दवा विक्रेताओं तथा समाज में एएमआर के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु दिनांक 13 नवम्बर 2023 को गामा नामक संस्था का गठन किया गया है।  

गौरतलब है कि इससे पहले भी डॉ. सूर्यकान्त अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन, इंडिया चैप्टर द्वारा एडवाइजरी काउंसिल मेम्बर के पद पर निर्वाचित हो चुके हैं तथा अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एनवायर्नमेंटल बॉटनिस्ट, ग्लासगो के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन (लंदन), ग्लासगो के रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन (यूके), अमेरिकन कॉलेज फिजिशियन, एशियन पैसिफिक सोसाइटी ऑफ रेस्पिरोलॉजी, ग्लोबल एसोशियन ऑफ फिजिशियन्स ऑफ इण्डियन ओरिजिन आदि अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं  से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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