बरेली: हादसों से भी सबक नहीं...स्कूल वाहनों में ठूंसकर भरे जा रहे बच्चे, जिम्मेदारों ने मूंदीं आंखें!

बरेली: हादसों से भी सबक नहीं...स्कूल वाहनों में ठूंसकर भरे जा रहे बच्चे, जिम्मेदारों ने मूंदीं आंखें!

बरेली, अमृत विचार। बदायूं में सोमवार सुबह स्कूल बस और स्कूल वैन में आमने सामने की भिड़ंत में वैन सवार चार छात्र-छात्राओं और चालक की मौत हो गई थी। जबकि वैन में सवार 18 बच्चे और बस में बैठे 3 बच्चे घायल हो गए। बताया जा रहा है दोनों स्कूल वाहन लापरवाही से तेज गति के साथ चलाए जा रहे थे, वहीं हादसे का शिकार हुई स्कूल वैन में क्षमता से कहीं अधिक बच्चों को ठूंसकर बैठाया गया था। लेकिन इस हादसे ने स्कूल प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही को भी उजागर किया है। क्योंकि स्कूल वाहनों में बच्चों को ठूंसकर ले जाने की तस्वीरें रोजाना ही सामने आ जाती हैं। 

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ऐसा ही आलम बरेली में भी रोजाना ही देखने को मिल जाता है। जहां बच्चों को स्कूल ले जाने और लाने वाले वाहन उनके जीवन से खिलवाड़ करते नजर आते हैं। चाहें स्कूल वैन हो या ऑटो, सभी में बच्चों को क्षमता से अधिक ठूंस-ठूंस कर बैठाया जाता है। इतना ही नहीं ऑटो में तो बच्चे गेट से लटके हुए तक नजर आ जाते हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता।

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वहीं शहर में स्कूल और कॉलेज के लिए 484 वाहन पंजीकृत हैं, लेकिन सड़कों पर एक हजार से अधिक छोटे और बड़े स्कूली वाहन दौड़ रहे हैं। कई वाहन चालकों ने सिर्फ पीला रंग कराकर बिना पंजीकरण कराए ही बच्चों को लाने, ले जाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। जबकि अवैध तरीके से ऑटो और ई रिक्शा से भी बच्चों को स्कूल ले जाया जा रहा है। 

वहीं नियमानुसार वैन में पांच से छह और ऑटो में चार से पांच बच्चों को बैठा सकते हैं, लेकिन अधिकांश ऑटो चालक 10 से 12 बच्चों को बैठा रहे हैं। इसके अलावा न तो इन वाहन चालकों ने अपने वाहनों में सुरक्षा उपकरण लगवाए हैं और न ही जाली लगवाई गई है।

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ऐसे में नियमों को ताक पर रखकर अधिकांश वाहन चालक छात्रों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। हालांकि समय-समय पर स्कूल वाहनों की चेकिंग करने के साथ ही उन पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए। क्योंकि अगले ही दिन फिर वही नजारा देखने को मिलता है। 

बीते दिनों बरेली के देवरनियां कस्बा में बच्चों को स्कूल लेकर जा रही वैन में एक डंपर ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। जिसमें वैन चालक समेत चार बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं बदायूं में हुए हादसे चार छात्रों समेत वैन चालक की मौत हो गई। शायद इन घटनाओं से सबक लेते हुए बरेली के आरटीओ ने मानक पूरे किए बिना चल रहे स्कूल वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया।

जिसमें सात स्कूली वाहनों का चालान करने के साथ ही एक वाहन को सीज कर दिया गया। लेकिन इसमें भी महज खानापूर्ति ही नजर आई। क्योंकि मंगलवार को भी शहर भर में हालात जस के तस दिखाई दिए और बच्चों को स्कूल वाहनों में ठूंसकर ले जाया जा रहा था। ऐसे में अपने बच्चों को जोखिम से बचाने के लिए अभिभावकों को भी सजगता दिखानी पड़ेगी। 

मजबूरी का फायदा उठाते हैं वाहन चालक
जो बच्चे वैन और ऑटो में स्कूल जाते हैं, उनके पेरेंट्स व्यस्तता के कारण उन्हें स्कूल छोड़ने नहीं जा सकते, यह उनकी बड़ी मजबूरी है। जिसका फायदा उठाते हुए वैन और ऑटो चालक मन माफिक किराया वसूलते हैं और बच्चों की जान खतरे में डालकर उन्हें स्कूल लेकर जाते हैं। चालक क्षमता से अधिक बच्चों को वाहन में ठूंस-ठूंस कर बैठाते हैं।

बदांयू में हुए हादसे के बाद बरेली में भी अभियान चलाया जा रहा है। जरूरत से ज्यादा क्षमता होने पर वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है -कमल प्रताप गुप्ता, आरटीओ।

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