मुरादाबाद : त्योहारी सीजन में मोबाइल पर ठग सक्रिय, लालच में न आएं
ऋण से लेकर प्रधानमंत्री आवास दिलाने तक का ठग दे रहे लालच, अब दिवाली पर सस्ते गिफ्ट के ऑफर

मुरादाबाद,अमृत विचार। अक्टूबर में 150 से अधिक लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो चुके हैं। स्मार्ट ठगों ने इन लोगों से लगभग 30 लाख रुपये से भी अधिक की ठगी की है। यह वह मामले हैं जो साइबर सेल में दर्ज हैं। अब दिवाली का त्योहार निकट है और साइबर अपराधी तरह-तरह के लालच देकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
एसएसपी हेमराज मीना का कहना है कि ऑनलाइन फ्रॉड होने पर तत्काल उसकी सूचना साइबर सेल दर्ज कराएं। बैंक खाते से रुपये ट्रांसफर होने की जितनी जल्दी सूचना मिलेगी पुलिस उस धनराशि को उतनी ही जल्दी वापस करा लेने में कामयाब रहती है। एसएसपी ने बताया कि त्योहार का सीजन चल रहा है। ऐसे में ऑनलाइन मार्केटिंग में भी सक्रियता बढ़ जाती है और साथ ही अन्य दिनों की अपेक्षा ऑनलाइन ठग भी अपनी गतिविधि बढ़ाने का प्रयास करते हैं। इसलिए मोबाइल पर आने वाले किसी मैसेज और वीडियो को सतर्कता बरतते हुए देखे।
प्रधानमंत्री आवास के नाम पर ठग लिए 1.32 लाख : सीताराम मजदूरी करते हैं। खेती-बाड़ी भी नहीं है। उन्हें प्रधानमंत्री आवास दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने फंसा लिया। सीताराम आवास के लालच में आ गए और साइबर ठगों ने उनसे 1.32 लाख रुपये ठग लिये। समय बीतने के बाद भी जब आवास योजना का लाभ नहीं मिला तो उन्होंने ठग के नंबर पर दोबारा बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
उधर, सीताराम को उधार देने वाले लोग रुपये वापस मांगने लगे। जो मजदूरी में रुपये मिलते वह उधार चुकता करते। अभी भी वह 80 हजार रुपये के कर्जदार हैं। दो भाइयों में छोटे सीताराम के परिवार में उनकी पत्नी व चार साल का बेटा ओम सिंह व 15 दिन की बिटिया है। वह कहते हैं कि भला हो मामा राम किशोर का, जिन्होंने उनकी मां माया को पुलिस लाइन में साइबर सेल ले गए थे और शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर सेल टीम ने उनके रुपये वापस कराए हैं। सीताराम ने बताया कि अपनी ठगी के बारे में वह अधिक से अधिक लोगों को बताकर अन्य लोगों को ठगों से बचाने के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं।
साइबर सेल ने वापस कराए 3.58 लाख रुपये
साइबर सेल प्रभारी ऋतिक पाठक ने बताया कि ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए लोगों में से 21 और 23 अक्टूबर को कुल नौ लोगों की धनराशि वापस कराने में सफलता मिली है। इन नौ लोगों के साथ कुल 6,81,839 रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। इनमें 3,58,130 रुपये वापस कराने में सफलता प्राप्त की है, जबकि शेष बचे 3,23,709 रुपये संबंधित बैंक खाते में होल्ड कराए हैं। इनकी भी वापसी की कार्रवाई चल रही है। इसमें अन्य आठ लोगों के साथ ही सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा जय भगवान भी शामिल हैं। इनसे 28,000 रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। इनके सभी रुपये वापस हो गए हैं। इसी तरह से मझोला के वरुण गुप्ता से 1.63 लाख की ठगी हुई थी, इनके 48000 और किशन लाल के 42,500 रुपये साइबर सेल ने वापस कराए हैं। मझोला थाना क्षेत्र के शक्ति नगर के उज्जवल सरकार से साइबर ठगों ने 2,77,887 की ठगी की थी। इनके भी 94,999 रुपये वापस कराए गए हैं।
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नोडल अधिकारी साइबर सेल सुभाष चंद्र गंगवार बताते हैं कि जालसाजी में बैंक खाते से कटने वाला पैसा यदि रिकवर नहीं हो पाता है तो प्रकरण को संबंधित थाने में रेफर करते हैं। फिर वहां उसकी छानबीन होती है। इस तरह थाना पुलिस ने कई जालसाजों को पकड़ा भी है और जेल भेजा है। उन्होंने बताया, पीड़ित का पैसा जिस खाते में ट्रांसफर होता है, यदि उस खाते में पैसा पड़ा है तो रिकवर के अवसर रहते हैं। लेकिन, यदि पैसा जालसाज अन्य खातों में ट्रांसफर कर चुका होता है और उस खाते में बैलेंस जीरो है तो पीड़ित के रुपये रिकवर करना मुश्किल हो जाता है। रिकवरी का पैसा बैंकिग के ऑटोमैटिक सिस्टम से संबंधित पीड़ित के खाते में ही आता है।
साइबर क्राइम हो तो करें कॉल
9454401742, 7839876646
हेल्पलाइन नंबर-1930
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