हल्द्वानी: नवजात के लिए ससुराल और मायके पक्ष में चले लात-घूंसे

बच्चे को अपने-अपने घर ले जाने की जिद पर अड़े, पुलिस ने मां के साथ भेजा

हल्द्वानी: नवजात के लिए ससुराल और मायके पक्ष में चले लात-घूंसे

 हल्द्वानी, अमृत विचार। राजकीय महिला अस्पताल में बुधवार को दो पक्षों के बीच नवजात को लेकर विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में लात-घूंसे चल गये। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराते हुए बच्चे को उसकी मां के साथ घर भेज दिया। साथ ही बच्चे के पिता और उसके भाईयों को पकड़कर चौकी ले गई। जहां पुलिस के सामने दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया।

 जानकारी के मुताबिक गौलापार के देवला तल्ला निवासी नफीस की पत्नी नाजिया ने बीती 28 सितंबर को महिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था। शादी के बाद उनका पहला बच्चा था। जन्म के बाद बच्चे को पीलिया की शिकायत हुई, जिस पर उसे एनआईसीयू में रखा गया।

बीते मंगलवार को चिकित्सकों ने बच्चे को एनआईसीयू से बाहर निकालकर परिजनों को सौंप दिया। बुधवार को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जैसे ही नाजिया बच्चे को लेकर अपनी मां अफरोज अंसारी के साथ अस्पताल के गेट पर पहुंची तो नफीस के परिजन वहां आ धमके और बच्चे को अपने घर ले जाने की जिद करने लगे।

इसी बीच नफीस अपने भाई रईस के साथ वहां पहुंच गया। नाजिया की मां व भाई बंटी की नफीस, उसके भाई व मां जरीना से बहस शुरू हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों ने अस्पताल गेट पर ही मारपीट शुरू कर दी। इससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।

अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर मौके पर पहुंची हीरानगर चौकी पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और बच्चे को मां के साथ घर भेज दिया। इधर, चौकी प्रभारी रविंद्र राणा ने बताया कि एक पक्ष के लोगों को पुलिस टीम चौकी लेकर आई थी। जिन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया गया। किसी भी पक्ष की ओर से तहरीर नहीं दी है।

हंगामे के बीच बेहोश हुई नाजिया, हालत बिगड़ी
अस्पताल गेट पर हंगामे के बीच नाजिया बेहोश हो गई। होश आने पर मारपीट का नाराज देख वह रोने लगी। इससे उसकी हालत बिगड़ गई। पुलिस की मौजूदगी में अस्पताल प्रशासन ने नाजिया को एंबुलेंस से बच्चे संग उसके मायके भेज दिया। इधर, नाजिया की मां अफरोज ने बताया कि बच्चे का जन्म ऑपरेशन से हुआ था। टांके कटने तक वह बेटी और बच्चे को अपने साथ रखना चाहती थी। जिसका नफीस के परिजन विरोध कर रहे थे। 

गर्भावस्था में नहीं रखा मेरा ख्याल : नाजिया
दूरभाष पर हुई बातचीत में नाजिया ने ससुरालियों पर कई गंभीर आरोप लगाये। उसने कहा कि गर्भावस्था के समय ससुरालियों ने उसका कोई ख्याल नहीं रखा। अस्पताल में जांच व दवा लेने के लिए उसे अकेले ही आना पड़ता था। बच्चे के जन्म के बाद ससुराल से कोई उसका हाल जानने नहीं पहुंचा। इतना ही नहीं जब वह गर्भवती थी तब ससुरालियों ने उसे गूल का पानी पिलाया। गूल के पानी से नहाने की वजह से उसके शरीर में त्वचा संबंधी कई परेशानी हुई।

बच्चे को खुशी-खुशी ले जाना चाहते थे घर
नफीस के भाई रईस ने बताया कि उसके बड़े भाई के पहले बच्चे के जन्म से परिवार में खुशी का माहौल था। सभी बच्चे को खुशी-खुशी घर लाना चाहते थे। नाजिया के परिवार वालों ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। उन्होंने बच्चे को रस्में होने के बाद ननिहाल में भेजने की भी बात कही, लेकिन वह नहीं माने। उलटा मारपीट पर उतारू हो गये।


अस्पताल गेट पर हंगामा होने की सूचना मिली थी। बच्चे व मां को डिस्चार्ज कर दिया गया था। दोनों पक्षों के विवाद से अस्पताल प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है।
- डॉ. उषा जंगपांगी, सीएमएस, महिला अस्पताल हल्द्वानी