बरेली: एक महीना बचा... बजट मिल गया तो भी नहीं बन पाएंगी सड़कें

बरेली, अमृत विचार। गन्ना विभाग की बदहाल सड़कें इस बार भी गन्ना किसानों की परीक्षा लेती नजर आएंगी। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने पिछले महीने चीनी मिलों के शुरू होने से पहले पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संजय कुमार तिवारी को गन्ना विभाग की 40 किलोमीटर लंबी 46 जर्जर सड़कों का निर्माण और मरम्मत का काम पूरा करने के निर्देश दिए थे लेकिन, प्रस्ताव भेजने पर भी बजट न मिलने पर यह संभव होता नहीं दिख रहा।
अफसरों का दावा है कि जिले में नवंबर के पहले सप्ताह में सभी चीनी मिलें शुरू हो जाएंगी। ऐसे में अगर प्रस्तावों को तत्काल मंजूरी मिल भी जाए तो भी सड़कें बना पाना आसान नहीं होगा। शासन के निर्देश पर गन्ना विभाग ने पिछले महीने अपनी खराब सड़कों की सूची तैयार कर पीडब्ल्यूडी को सौंपी थी। इसके बाद दोनों विभागों ने सड़कों की मौजूदा हालत का निरीक्षण किया और कार्ययोजना तैयार की।
जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश भर में गन्ना विभाग नए पेराई सत्र शुरू होने से पहले चीनी मिलों को जाने वाली अपनी खराब सड़कों को ठीक करवाने के लिए पीडब्ल्यूडी को 250 करोड़ रुपये दे चुका है। बरेली की बदहाल सड़कों के लिए भी करीब आठ करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इनमें कुछ सड़कों में गड्ढे भरे जाएंगे तो कुछ में खड़ंजा निर्माण होगा तो कहीं रास्ता चौड़ा होना है।
अब तक शुरू हो जाना चाहिए था काम
जिले में पांच चीनी मिलें हैं। पीडब्ल्यूडी की ओर से एस्टीमेट भेजने के बाद पीडब्ल्यूडी को बजट मिलने का इंतजार है। विभाग में पंजीकृत ठेकेदार बताते हैं अगर दो से दिन तीन में बजट को मंजूरी मिल भी जाए तो भी सड़कें चीनी मिलों का संचालन शुरू होने से पहले तैयार नहीं हो पाएंगी। इसकी वजह है कि टेंडर प्रक्रिया और वर्क ऑर्डर जारी होने में वक्त लगता है। अगर पेराई सत्र को ध्यान में रखकर ही सड़कें ठीक कराई जानी थीं तो अब तक बजट मिलने के बाद साथ 70 फीसदी काम हो जाना चाहिए था।
पिछले महीने ही गन्ना विभाग की सड़कों का सर्वे पूरा होने पर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। अब तक बजट मिल जाना चाहिए था। अगर इस सप्ताह बजट मिल गया तो भी नवंबर के दूसरे सप्ताह तक सभी चिन्हित सड़कें दुरुस्त करा दी जाएंगी। -नारायण सिंह, अधिशासी अभियंता
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