बरेली में ब्रेड चीज उत्पाद की लग रही फैक्ट्री ...विदेशों तक होगा निर्यात

बरेली में ब्रेड चीज उत्पाद की लग रही फैक्ट्री ...विदेशों तक होगा निर्यात

अनुपम सिंह, बरेली, अमृत विचार। इन्वेस्टर्स समिट में एमओयू पर करार के बाद जमीन के संकट से लेकर तमाम तरह की आ रही अड़चनों से जूझ रहे उद्यमियों के सामने कई चुनौतियां हैं।

इकाइयों को धरातल पर उतारने में एड़ी से चोटी का जोर लगाने के बाद भी उद्योग खड़े कर पाने में हांफ रहे हैं, लेकिन सपा शासनकाल में बहेड़ी फूड पार्क की रखी गई नींव के बाद मौजूदा सरकार की नजरें इनायत होने से फूड की इकाइयों को लगाने वाले निवेशकों के लिए रास्ते खुल गए हैं। 250 एकड़ के क्षेत्रफल में फैले इस औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए निवेशकों की संख्या बढ़ रही है। 

बरेली ही नहीं बल्कि दिल्ली से लेकर उत्तराखंड के उद्यमी भी इकाइयों के लिए भूखंड का आवंटन करा रहे हैं। यहां ब्रेड चीज का उत्पाद करने के लिए बड़ी औद्योगिक इकाई लग रही है, जो विदेशों तक ब्रेड चीज का निर्यात करेगी।

नौ साल पहले बहेड़ी तहसील के मुड़िया मुकर्रमपुर गांव के पास सीलिंग की 250 एकड़ जमीन पर मेगा फूड पार्क बनाने की नींव सपा सरकार में रखी गई थी। 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद कई साल तक इस पार्क को विकसित करने पर जोर नहीं दिया गया। यही वजह रही कि जिम्मेदारों की ओर से नजरें फेर लेने के बाद पार्क के कुछ हिस्से पर अतिक्रमण तक हो गया था। हालांकि, यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों ने प्रशासन की मदद से अतिक्रमण हटवाया। सरकार से हरी झंडी के बाद 2021 में यूपीसीडा ने कार्य शुरू कर दिया। अब तक 67 भूखंड 90 साल के लिए लीज पर आवंटित हो चुके हैं। अन्य भूखंडों का आवंटन अभी होना बाकी है।

यूपीसीडा के अधिकारियों के अनुसार यहां पर औद्योगिक इकाइयों को लगाने के लिए दिल्ली की डेरा क्राप्ट नाम की कंपनी ने सबसे अधिक 250 करोड़ का निवेश किया है। इस कंपनी का इन्वेस्टर्स समिट में सरकार से करार भी हुआ है। यह कंपनी चीज (ब्रेड में लगाकर खाने वाली सामग्री) का उत्पादन करेगी। बरेली में अब तक इसका उत्पादन नहीं होता था। पहली बार चीज का उत्पादन कर विदेशों तक में इसका निर्यात किया जाएगा। यह प्रदेश का तीसरा फूड पार्क है। एक फूड पार्क बनारस और एक बाराबंकी में है। सभी इकाइयों के चालू होने के बाद हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

उद्यमियों के लिए उपयुक्त लोकेशन पर है पार्क
फूड इकाइयों को लगाकर लोगों को रोजगार देने की मंशा से विकसित किए गए पार्क की लोकेशन और व्यवस्थाएं उद्यमियों के लिए उपयुक्त बताई जा रही हैं। यह मेगा फूड पार्क पार्क बरेली एयरपोर्ट से 55 किलोमीटर पर है। बहेड़ी तहसील से 8 किमी पर बना है। नैनीताल रोड (एसएच-37) से भी करीब पड़ेगा। किच्छा स्टेशन से महज 10 किमी की दूरी पर है। बहेड़ी का बड़ा इलाका ऊधमसिंहनगर की सीमा से सटा हुआ है। ऐसे में उत्तराखंड के निवेशकों की राहें भी आसान होंगी।

फूड पार्क में लगेंगी यह फैक्ट्रियां
बहेड़ी फूड पार्क में खाद्य सामग्रियों से जुड़ी हुईं फैक्ट्रियां लगाई जांएगी। जानकारों की माने तो इसमें आटा, तेल, पनीर, खमीर (डोसा में लगाने वाली सामग्री), दुग्ध डेयरी, सूजी समेत अन्य खाद्य सामग्री का उत्पाद करने वाली इकाइयां लगाई जाएंगी।

16-16 हजार वर्ग मीटर के दो वेयर हाउस भूखंड होंगे नीलाम
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण बरेली में फूड पार्क के भूखंड की नीलामी करने जा रहा है। इसके लिए यूपीसीडा ने एसबीआई को जिम्मेदारी दी है। एसबीआई के पोर्टल पर ही नीलामी की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आवेदन किए जाएंगे। नीलामी 4 सितंबर को होनी है। इसमें बाहर के भी व्यापारी भाग ले रहे हैं। बरेली में 16-16 हजार वर्ग मीटर के दो भूखंडों की नीलामी होगी। यह दोनों भूखंड वेयर हाउस के लिए नीलाम किए जाएंगे। जानकारों की माने तो एक भूखंड की कीमत 42.84 लाख रुपये तय की गई है। हालांकि, अभी तक कितने आवेदन आए हैं, यह गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करने से जिम्मेदार बच रहे हैं। यूपीसीडा को भी इसकी जानकारी नहीं है। नीलामी वाली तारीख में एसबीआई ही बताएगी।

55 से 60 के करीब और भूखंड आवंटित होने हैं। एक मुश्त पैसा देने पर जमीन की कीमत के अनुसार दो प्रतिशत की छूट निवेशकों को मिलेगी। किश्तों में तीन साल में पैसा चुकता करना होगा। हर माह उद्यमी निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन कर रहे हैं। डेरी क्रॉप्ट अब तक निवेश करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। 2024 में यह कंपनी उत्पाद शुरू करेगी, जो विदेशों तक निर्यात करेगी। सभी फैक्ट्रियों के चालू होने से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।-मंसूर कटियार, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा

2550 रुपये प्रति वर्गमीटर जमीन की कीमत
30 नवंबर 2021 से भूखंड आवंटन की शुरू हुई है प्रक्रिया
1000 से 4000 वर्ग मीटर तक के भूखंड उपलब्ध हैं
05 आवेदन हर माह आ रहे हैं भूखंड आवंटन के लिए

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