मुरादाबाद: एमडीए की टीम ने भैंसिया में अवैध निर्माण किया ध्वस्त
उपाध्यक्ष के निर्देश पर प्राधिकरण की टीम कर रही अवैध निर्माण पर कार्रवाई

मुरादाबाद, अमृत विचार। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई की गई। मंगलवार को प्राधिकरण की जेसीबी मशीन भैंसिया गांव में चली। टीम ने जुबेर के 800 वर्गमीटर में किए अवैध औद्योगिक निर्माण को आदेश के क्रम में ध्वस्त करा दिया।
एमडीए के अधिशासी अभियंता पंकज पांडेय, अमित कादयान, एई केएम जगूड़ी, सागर गुप्ता, जेई मानिक चंद गुप्ता, आरपी यादव, मुकेश सक्सेना जेई के नेतृत्व में प्रवर्तन टीम भैंसिया गांव पहुंची। यहां प्रेम वंडरलैंड के पीछे जुबेर द्वारा लगभग 800 वर्ग मीटर में अवैध तरीके से औद्योगिक भवन का निर्माण कराया जा रहा था। जिसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश नगर नियोजन अधिनियम 1973 के अंतर्गत वाद संख्या 160/22 में ध्वस्तीकरण आदेश पारित था।
इसके पालन में टीम ने अवैध निर्माण को जेसीबी मशीन से ध्वस्त करा दिया। इसी गांव में दिलशाद द्वारा 400 वर्ग मीटर भूमि पर कराए अवैध निर्माण को भी वाद में पारित आदेश के क्रम में ढहाया गया। भैंसिया में ही कौशर हाजी द्वारा लगभग आठ बीघा जमीन में अवैध रूप से भूखंड की प्लाटिंग की जा रही थी जिसे जेसीबी मशीन से जमींदोज कराया गया। कार्रवाई के दौरान एमडीए टीम के अलावा कटघर थाने के पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार का कहना है कि वह जनमानस से अपील करते हैं कि प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराए बिना कोई निर्माण कार्य न करें। ऐसा मिलने पर प्राधिकरण इस पर कार्रवाई कर कभी भी ध्वस्त करा सकता है। कई स्थानों पर अनियोजित रूप से अवैध तरीके से भूखंड की बिक्री की जा रही है। ऐसे अवैध कार्य पर भी कार्रवाई होगी। जिसकी जिम्मेदारी निर्माणकर्ता की होगी। इसलिए कोई भी भवन और भूखंड खरीदने से पहले उसके वैधता की जानकारी प्राधिकरण कार्यालय से अवश्य कर लें। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा दुर्बल और अल्प आय वर्ग के लिए भवन निर्माण किया गया है। इसमें सीधे पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर खरीद कर अपने सपनों का घर बनाया जा सकता है।
एमआईटी परिसर में कार्रवाई से मचा था हड़कंप
प्राधिकरण ने सोमवार को रामगंगा विहार आवासीय योजना के अन्तर्गत एमआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर के अंदर ग्राम हरथला एहतमाली के गाटा संख्या 606 कुल रकबा 1227.49 वर्ग मीटर सीलिंग भूमि को जो एमआईटी के कब्जे में थी, का सीमांकन कराकर खाली कराया था। 12 करोड़ रुपये बाजार मूल्य के इस भूमि को कब्जा मुक्त कराने से प्रभावशाली लोगों में अवैध निर्माण को लेकर हड़कंप मचा है। खाली कराई भूमि पर चहारदीवार का निर्माण शुरू कराकर प्राधिकरण की संपत्ति का बोर्ड भी लगा दिया था। इस भूमि का प्रयोग अब प्राधिकरण द्वारा शासन की शीर्ष प्राथमिकता की परियोजनाओं के निर्माण में किया जाएगा।
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