'लकी बिष्ट की कहानी बताने की जरूरत है', जैदी ने पूर्व NSG कमांडो पर लिखी पुस्तक

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नई दिल्ली। पूर्व एनएसजी कमांडो लकी बिष्ट पर पुस्तक लिखने वाले लेखक हुसैन जैदी ने कहा कि एक नायक का ‘‘उस अपराध के लिए खलनायक बनना जिसे उसने किया ही नहीं या जिसे अभी तक स्थापित नहीं किया जा सका’’ अपने आप में अनोखा है और इस कहानी को बताने की जरूरत है।
‘आरए.ए.डब्ल्यू. हिटमैन: द रियल स्टोरी ऑफ एजेंट लीमा’ नामक इस पुस्तक में बिष्ट के करियर और जीवन पर प्रकाश डाला गया है जो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। लेकिन किस्मत ने एक क्रूर मोड़ लिया और उनका नाम एक दोहरे हत्याकांड में शामिल हो गया जिसके कारण उन्हें पांच साल जेल में बिताने पड़े।
हालांकि, अदालत ने उन्हें बाद में सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया। जैदी ने कहा कि बिष्ट की कहानी अनोखी है। उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में कमांडो का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था और वह देश के बेहतरीन कमांडो में से एक थे। वह असल में एक नायक थे, इसलिए उन्हें बहुत महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा में लगाया गया। लेकिन अपराध के आरोप में उन्हें तीन साल की अवधि में 11 जेलों में स्थानांतरित किया गया।
जैदी ने कहा, ‘‘एक राष्ट्रीय नायक देशव्यापी स्तर पर एक कुख्यात गैंगस्टर बन गया, यह एक ऐसी बात थी जिसने मुझे पूरी तरह से स्तब्ध कर दिया। घटनाओं में मोड़ क्या था? एक नायक का उस अपराध के लिए खलनायक बनना जो उसने किया ही नहीं या जिसे अभी तक स्थापित नहीं किया जा सका, एक अनोखी बात है जिसे बताने की जरूरत है।’’
जैदी ने कहा, ‘‘इसलिए, मैंने इसकी तहकीकात शुरू कर दी और पाया कि इसमें कई परतें हैं, यह चकित करने वाला था और मैंने अपने 25 वर्षों में इस तरह की बहुत कम कहानियां देखी हैं।’’ बिष्ट ने कहा कि जब उन्हें जेल हुई तो उनके पास अपने जीवन के अनुभवों पर विचार करने के लिए बहुत समय था। उन्होंने कहा, "तो, मैंने अपने काम और अपने जीवन के बारे में लिखना शुरू किया। 2019 में, जब मैं जेल से रिहा हुआ, तो मैंने एजेंसी छोड़ने और भारतीय फिल्म उद्योग में एक लेखक के रूप में एक नया करियर शुरू करने का फैसला किया।
एक लेखक बनने की तलाश में, मैं बहुत सारे निर्माताओं और निर्देशकों से मिला जो मेरे जीवन और एजेंसी के साथ मेरे कार्यकाल को लेकर बहुत उत्सुक दिखे।’’ बिष्ट का कहना है, "जिन लोगों से मैं मिला उनमें से लगभग हर किसी को मेरे द्वारा लिखी गई कहानियों की तुलना में मेरे जीवन में अधिक रुचि थी और उन्होंने मुझे अपनी जीवन कहानी को एक किताब का रूप देने के लिए राजी किया, जो बड़े पैमाने पर लोगों को आकर्षक लगेगी।"
इस सवाल पर कि क्या साइमन एंड शूस्टर द्वारा प्रकाशित उनकी पुस्तक भारतीय सेना, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, विशेष बलों और असम राइफल्स जैसी विभिन्न सरकारी सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम कर चुके बिष्ट के साथ हुए गलत को दूर करने का एक प्रयास है, जैदी ने कहा कि पूर्व कमांडो "पहले ही एक लंबे मुकदमे से गुजर चुके हैं, इसलिए हम उनके साथ हुए गलत को कैसे सुधार सकते हैं"।
बिष्ट ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि किताब उनके बारे में लोगों की धारणा बदल देगी। लेखक का कहना है कि जब उन्होंने पहली बार बिष्ट का साक्षात्कार लिया, तो उनके दिमाग में किताब की पूरी कहानी नहीं थी।
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