शरण मांगने वालों को रवांडा भेजने की योजना गैरकानूनी : British Court
लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को फैसला सुनाया कि प्रवासियों को इंग्लिश चैनल की जोखिम भरी यात्रा से रोकने के प्रयास में, शरण चाहने वालों को रवांडा भेजने की सरकार की योजना गैरकानूनी है। अपीलीय न्यायालय के न्यायाधीशों ने कहा कि रवांडा को “सुरक्षित तीसरा देश” नहीं माना जा सकता जहां प्रवासियों को भेजा जा सकता है।
“तीसरा देश” शब्द उन देशों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो यूरोपीय संघ के सदस्य नहीं हैं और जिनके नागरिकों को यूरोपीय देशों में मुक्त आवागमन की सुविधा नहीं है। सरकार के इस फैसले को ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने की संभावना है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव सरकार ने “नावों को रोकने” का वादा किया है।
ब्रिटेन में प्रवेश की उम्मीद रखने वाले कई प्रवासी नावों से उत्तरी फ्रांस से यात्रा शुरू करते हैं। ब्रिटेन में 2022 में इंग्लिश चैनल पार कर 45,000 से अधिक लोग ब्रिटेन पहुंचे और इस प्रयास में कई लोगों की मृत्यु भी हो गई। ब्रिटेन और रवांडा की सरकारें एक साल से अधिक समय पहले इस बात पर सहमत हुई थीं कि ऐसे प्रवासी जो छोटी नावों से ब्रिटेन आते हैं, उन्हें रवांडा भेजा जाएगा और शरण चाहने वालों के दावों पर वहीं कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगों को शरण दी गई है, वे ब्रिटेन लौटने के बजाय पूर्वी अफ्रीकी देश में रहेंगे।
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