नैनीताल: 10 सालों में नैनी झील का जलस्तर सर्वोच्च स्थान पर

गौरव जोशी, नैनीताल , अमृत विचार। समय-समय पर हो रही नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में बारिश नैनी झील के लिए वरदान साबित हुई है। इस साल छोटे-छोटे अंतराल के बाद हो रही बारिश के चलते नैनी झील का जलस्तर बीते 10 सालों में सर्वोच्च स्थान पर है। नैनी झील नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के आधार पर नैनीताल में समय-समय पर हो रही बारिश नैनी झील के लिए वरदान साबित हुई है। आंकड़े बताते हैं वर्ष 2014 में नैनी झील का 0 था।
जबकि 2015 में (माइनस) - 3, 2016 में -4 फीट 11 इंच, 2017 में -6 फीट 10 इंच, 2018 में -2 फुट 3 इंच, 2019 में मात्र 10 इंच, 2020 में 3 फीट पांच इंच, 2021 में 2 फीट 8 इंच, 2022 में 2 फीट 9 इंच था। जबकि इस वर्ष 2023 में 14 जून को नैनी झील का जल स्तर सर्वोच्च 3 फिट 6 इंच पर है।
आपको बताते चलें बीते कई सालों से नैनी झील का जलस्तर बीते 15 सालों से लगातार तेजी से गिर रहा था। इसको नियंत्रित करना जल संस्थान और प्रशासन के लिए एक चुनौती थी। झील के जलस्तर में तेजी से आ रही गिरावट को देखते हुए पूर्व में जल संस्थान के द्वारा नैनीताल में पेयजल आपूर्ति में कटौती का फैसला करते हुए शहर में 12 एमएलडी के पानी सप्लाई की जा रही थी।
इससे नैनी झील का जल स्तर नियंत्रित था तो वहीं बीते जनवरी माह से नैनीताल में हो रही रुक-रुक कर बारिश नैनी झील के लिए वरदान साबित हुई है और नैनी झील का जलस्तर 3 फिट 6 इंच पर स्थिर है।
15 जून से स्थानीय मानसून शुरू होने जा रहा है और लगातार होने वाली बारिश से नैनी झील एक बार फिर से लबालब भर जाएगी जो आने वाले समय में नैनी झील की खूबसूरती के लिए शुभ संकेत हैं।
पेयजल किल्लत से नैनीताल वासियों को नहीं पड़ेगा जूझना
अगर इसी तरह नैनी झील का जल स्तर नियंत्रित रहा तो आने वाले समय में स्थानीय लोगों के साथ-साथ नैनीताल आने वाले पर्यटकों को पेयजल की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विपिन चौहान का कहना है कि अगर इसी तरह नैनी झील का जल स्तर नियंत्रित रहा तो आने वाले समय में पेयजल आपूर्ति को 12 एमएलडी से बढ़ाकर 14 एमएलडी किया जा सकता है।