बरेली से आगरा तक नहीं मिला शहला ताहिर की जाति का सुराग

बरेली,अमृत विचार। नवाबगंज नगर पालिका चेयरमैन शहला ताहिर के जाति प्रमाण पत्र की जांच पेचीदा होती जा रही है। आगरा के उनके निवास स्थल से भी जाति का कोई सुराग नहीं लगा है। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बरेली के जिलाधिकारी को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा कि उनकी जाति से जुड़ा कोई …

बरेली,अमृत विचार। नवाबगंज नगर पालिका चेयरमैन शहला ताहिर के जाति प्रमाण पत्र की जांच पेचीदा होती जा रही है। आगरा के उनके निवास स्थल से भी जाति का कोई सुराग नहीं लगा है। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बरेली के जिलाधिकारी को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा कि उनकी जाति से जुड़ा कोई साक्ष्य या अभिलेख उपलब्ध होने की जानकारी नहीं मिली है। इससे शहला पर जाति बदलकर लाभ लेने के आरोप की जांच फंस गई है।

शहला ताहिर पर पिछड़ी जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर पिछड़ों के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने का आरोप है। इसकी जांच जारी है। शहला ताहिर का पूर्व निवास स्थल आगरा में 23/41 पाय चौकी दर्शाया गया। बरेली जिला प्रशासन ने इस पते की जांच के लिए आगरा प्रशासन को पत्र भेजा था।

आगरा से प्राप्त जांच रिपोर्ट में स्थानीय पार्षद बच्चू सिंह के हवाले से बयान का उल्लेख है कि वर्तमान में उपरोक्त पते पर शहला ताहिर पुत्री प्यारे अली निवास नहीं करती हैं। यहां तक कि श्री तेज बहादुर खालसा जूनियर हाईस्कूल माईथान-आगरा से प्राप्त टीसी की छायाप्रति व पूछताछ से भी उनकी जाति स्पष्ट नहीं हुई।

विद्यालय में उनकी जाति के संबंध में नाम के स्थान पर शैलवी पुत्री प्यारे अली व जाति धर्म के कॉलम में मुस्लिम का उल्लेख है। इतना ही नहीं बताए गए पते पर उनके परिजन या संबंधी भी निवास नहीं करते, बल्कि एक किरायेदार रहता है। हरदोई के शाहबाद में भी उनकी शिक्षा होने की बात सामने आ रही है।

शहजाद ने की शहला की पहचान
पार्षद के हवाले से दर्ज बयान में 23/41 पाय चौकी पर उनकी पहचान न होने का विवरण दिया गया है। वहीं, इसी पते पर शहजाद पुत्र सलाउद्दीन के हवाले से बयान है कि उपरोक्त पते पर शहला ताहिर की खाला (मौसी) रेहाना बेगम रहती थीं, जिन्हें शहजाद ने अपनी सास बताया है। अपने बयान में कहा कि शहला ताहिर का उनके यहां आना जाना था। जाति के संबंध में उन्होंने भी जानकारी देने से हाथ खड़े कर दिए।

“हर पांच साल में जाति बदल नहीं जाती है। मेरे पिता का नाम अंसारी है, जो पिछड़ी जाति में आते हैं। मैं भी पिछड़ी जाति से हूं। लेखपाल और तहसीलदार ने मेरा जाति प्रमाण पत्र जारी किया है। हाईकोर्ट में भी अपनी जाति का प्रमाण दे चुकी हूं। मैंने हाईस्कूल की परीक्षा आगरा से पास की है, उसमें मेरा नाम शहला पुत्री प्यारे अली है, शैलवी नाम गलती से लिख गया होगा।” -शहला ताहिर, चेयरमैन, नगर पालिका, नवाबगंज

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