अयोध्या: वन कर्मियों का छलका दर्द, पुलिस की मिलीभगत से कट रहे पेड़, छोटे कर्मी बनते हैं बलि का बकरा

अयोध्या: वन कर्मियों का छलका दर्द, पुलिस की मिलीभगत से कट रहे पेड़, छोटे कर्मी बनते हैं बलि का बकरा

सोहावल, अयोध्या, अमृत विचार। सोहावल वन रेंज के चिरैधापुर गांव में सागौन के 85 पेड़ काटे जाने के मामले में अब क्षेत्र की पुलिस पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं। वन विभाग के कर्मियों का दर्द छलका है। उनका मानना है कि बड़े अधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत से बड़े-बड़े पेड़ काट लिए जाते हैं और बलि का बकरा छोटे कर्मचारियों को बनना पड़ता है।  

रौनाही थाना अंतर्गत चिरैधापुर गांव में एक किसान ने सप्ताह भर पहले ठेकेदार से मिलकर बिना परमिट सागौन के पेड़ों को कटवाकर लकड़ी उठवा दी। शिकायत पर डीएफओ शीतांशु पांडेय ने रात में छापा मारा था। खलबली मची तो जिम्मेदार ठहराए गये डिप्टी रेंजर दुर्गा प्रसाद व क्षेत्र के वन संरक्षक राजेश कुमार को निलंबित कर ठेकेदार शेखपुर जाफर निवासी अंसार पर केस दर्ज करवा कर जांच बैठा दी गई। 

मामले को लेकर की गई कार्रवाई को एक तरफा बताकर अब सवाल खड़े किए जा रहे हैं। दंडित वन कर्मी कहते हैं कि सारा खेल पुलिस से मिलकर ठेकेदार-किसान को सामने रखकर खेलता है। बड़े अधिकारियों की सहमति से पेड़ कटते हैं। विवाद हुआ तो बलि का बकरा छोटे कर्मचारियों को बनाया जाता है। न कोई बड़ा अधिकारी फंसता है न ही पुलिस के वह लोग जो ठेकेदार को प्रति पेड़ के हिसाब से अवैध वसूली कर संरक्षण देते हैं। 

घटना ने विभाग की खोली आंख : एसडीओ 
वन विभाग के एसडीओ केएन सुधीर ने बताया कि सोहावल की घटना ने विभाग की आंख खोल दी है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई अभी जारी है। चोरी की लकड़ी खरीदने वाली कुमारगंज स्थित आरामशीन सीज हो गई है। लाइसेंस निलंबित हो रहा है। पेड़ों की कटान की जांच में कार्रवाई व भूमिका रोकने के लिए पुलिस के उच्च अधिकारियों को विभाग से पत्र भेजा जा रहा है, जिसका असर जल्द नजर आएगा।

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