Chaitra Navratri 2023 : विपरीत परिस्थिति में भी मंजिल पाने को रहें दृढ़ प्रतिज्ञ
नमो देव्यै : हर स्थिति का सामना करने को रहें तैयार, वर्तमान को जीते हुए संवारे भविष्य: दीपशिखा
मुरादाबाद, अमृत विचार। इरादे दृढ़ हों तो विपरीत परिस्थिति में भी मंजिल मिलनी तय है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली सहायक नगर आयुक्त दीपशिखा पांडेय का ध्येय है कि परिस्थिति चाहे कितनी विपरीत हो, मंजिल पाने की दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी है। समाज, परिवार का सहयोग मिला तो ठीक, नहीं तो खुद के दम पर अपने रास्ते तय करें और मजबूत कदमों से आगे बढ़ें। क्योंकि मातृशक्ति के आगे पहाड़ भी नतमस्तक होता है।
गोरखपुर की रहने वाली दीपशिखा पांडेय नगर निगम में सहायक नगर आयुक्त हैं। 2020 में इस नौकरी में आईं दीपशिखा की शिक्षा-दीक्षा गोरखपुर से ही हुई। यहीं के विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान में परास्नातक कर वह इस क्षेत्र में आईं। मदर टेरेसा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को वह अपना आदर्श मानती हैं। हालांकि समय के साथ उनके आदर्श बदलते हैं। वह जीवन के व्यावहारिक पक्ष को अधिक महत्व देती हैं। एक सामान्य किसान परिवार से आने वाली दीपशिखा ने जीवन में लक्ष्य को ऊंचा रखा। अपनी मां और बड़ी बहन जो खुद इस समय एआरटीओ हैं, से वह अधिक प्रभावित रहीं। उनके संस्कार और मार्गदर्शन में वह जीवन की पगडंडियों पर चलकर आज इस मुकाम पर पहुंची हैं।
वह कहती हैं कि भगवान ने नारी को सृजनात्मक सोच दी है। मगर बात यदि मान सम्मान की आए तो वह चंडी और दुर्गा भी बन जाती है। नवरात्र उनके पसंदीदा पर्व में है। वह कहती हैं कि दुर्गा, लक्ष्मी या सरस्वती सभी मां के रूप हैं। मां से सृजन की प्रेरणा मिलती है। समाज को सही दिशा देने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। किसी कमजोर की मदद कर उसे जीवन पथ पर अग्रसर करने की इच्छा हमेशा रहती है।
शिक्षा के बिना जीवन अधूरा
वह मानती हैं कि शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। इसलिए खासकर बालिका शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि शिक्षित नारी समाज का गौरव होती है। वह न सिर्फ परिवार और समाज बल्कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों को संस्कारित और शिक्षित करने में अपनी अहम भूमिका निभाती है। इसलिए जीवन में चाहे कितनी भी विकट स्थिति आए शिक्षा की राह न छोड़ें। शिक्षा ही आपके भविष्य की मार्ग को प्रशस्त करती है।
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