VIDEO : डार्लिंग नदी में मरी मिलीं लाखों मछलियां, वजह यहां जान लीजिए
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कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया में भीषण गर्मी के बीच डार्लिंग नदी में लाखों मछलियां मरी हुई मिली हैं जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। अधिकारियों ने कहा है कि ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से बड़े पैमाने पर मछलियों की मौत हुई है। अधिकारियों ने इस सप्ताह के अंत में नदी में ऑक्सीजन लेवल और घटने की चेतावनी दी है।
लाखों मरी और सड़ी हुई मछलियां ऑस्ट्रेलियाई में एक दूरदराज के शहर के पास नदी के एक विशाल हिस्से के ऊपर तैर रही है। इस क्षेत्र में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिसे इन मछलियों की मौत का जिम्मेदार बताया जा रहा है। मरी मछलियों के जमावड़े की वजह से नदी की सतह बमुश्किल ही दिखाई देती है। न्यू साउथ वेल्स प्रशासन ने कहा कि छोटे शहर मेनिन्डी के पास डार्लिंग नदी में लाखों मछलियां मर गईं। 2018 के बाद से इस क्षेत्र में मछलियों की इतनी बड़ी तादाद में हुईं यह तीसरी सामूहिक मौते हैं। मेनिन्डी के स्थानीय वासी ग्रीम मैकक्रैब कहते हैं, जहां तक नदी को देखा जा सकता है, वहां तक मरी मछलियां ही दिखाई पड़ रही हैं। वह कहते हैं कि पहले की तुलना में इस बार बेहिसाब मछलियां मारी गई हैं. मेनिन्डी की 500 के आसपास की आबादी हाल के वर्षों में सूखे और बाढ़ दोनों से बर्बादी झेल रही है।
Menindee this morning! My heart is absolutely breaking seeing this footage of our Darling Barka💔
— Kate McBride (@Kate_McBride_1) March 17, 2023
Feels like the river is sending us a message a week out from the election. pic.twitter.com/8h5sEDvvGD
राज्य सरकार के अनुसार हाल ही में आई बाढ़ के बाद बोनी हेरिंग और कार्प जैसी मछलियों की आबादी नदी में तेजी से बढ़ी थी, लेकिन अब बाढ़ का पानी घटने के कारण बड़ी संख्या में ये मर रही हैं। इन मछलियों की मौत की वजह बाढ़ के पानी के घटने के बाद पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से हुई है, जिसे हाइपोक्सिया कहते हैं। इस इलाके में वर्तमान गर्म मौसम भी हाइपोक्सिया को बढ़ा रहा है, क्योंकि गर्म पानी में ठंडे पानी की तुलना में कम ऑक्सीजन होती है। गौरतलब है कि मछलियों को गर्म तापमान पर ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता पड़ती है।
गौरतलब है कि सिडनी के पश्चिम में लगभग 12 घंटे की ड्राइव पर स्थित मेनिन्डी में पिछली बार लंबे समय तक सूखे के कारण डार्लिंग नदी में पानी की कमी और 40 किलोमीटर तक फैले जहरीले शैवाल को दोषी ठहराया गया था। 2019 में स्थानीय प्रशासन ने आगाह किया था कि दुर्भाग्य से यह हादसा कोई आखिरी नहीं। सरकार के मत्स्य पालन के प्रवक्ता कैमरन ले ने कहा कि यह मरी हुई मछलियों के जमावड़े के बीच से नदी को देखने की जद्दोजेहद कर रहे थे। उन्होंने एबीसी चैनल को बताया, हम दसियों किलोमीटर तक जहां तक हमारी आंखें देख पा रही हैं, वहां सिर्फ मरी मछलियां ही नजर आ रही हैं। यह बेहद दिल दहला देने वाला दृश्य है।
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