हाईकोर्ट ने खारिज की सांसद के भतीजे की याचिका, बढ़ी मुश्किलें 

नजूल की तीन एकड़ जमीन पर कूटरचित दस्तावेज  के जरिए बैनामा लेने के मामले में दर्ज है एफआईआर

हाईकोर्ट ने खारिज की सांसद के भतीजे की याचिका, बढ़ी मुश्किलें 

अमृत विचार, लखनऊ। नगर पालिका की तीन एकड़ नजूल की जमीन पर कूटरचित दस्तावेजों के जरिए कब्जा करने के मामले में कैसरगंज सांसद के भतीजे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सुमित की गिरफ्तारी को रोकने के लिये दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट‌ ने सुमित को अंतरिम जमानत के लिए निचली अदालत में जाने के आदेश दिया है। 

कैसरगंज सांसद के भतीजे सुमित भूषण सिंह ने शहर के सिविल लाइंस इलाके में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर नजूल की तीन एकड़ जमीन अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम खरीदकर उस पर बाउंड्रीवाल बना ली थी। जानकारी होने पर प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर इस बाउंड्रीवाल को ढहा दिया था और इस मामले में सुमित के साथ आठ अन्य लोगों पर नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया था।‌ इसी एफआईआर को रद्द कराने के लिए सुमित ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में अर्जी लगाकर दावा किया था कि उन्होंने बैनामे को वास्तविक व्यक्तियों से खरीदा है। बुधवार को दाखिल याचिका पर बीते गुरुवार को बेंच ने सुमित भूषण सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। शुक्रवार को फिर केस की सुनवाई हुई। जस्टिस रंजन रॉय और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की डिवीजन बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। याची सुमित सिंह की तरफ से अधिवक्ता सर्वेश कुमार तिवारी और प्रशांत कुमार ने बहस की, जबकि उप्र सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता सतीश चंद्र कशिश ने याचिका खारिज किये जाने की दलील दी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सुमित की याचिका खारिज कर दी है। अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट ने सुमित को निचली अदालत‌ में जाने का आदेश दिया है। याचिका खारिज होने के बाद सांसद के भतीजे की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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