National Women’s Day 2023 : आज है राष्ट्रीय महिला दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व

National Women’s Day 2023 : आज है राष्ट्रीय महिला दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व

नई दिल्ली। आज भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस है। कई लोगों को राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर भ्रम है कि वह 8 मार्च को होता है लेकिन 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है। हालांकि भारत में इस दिन को फरवरी में मनाया जाता है। राष्ट्रीय महिला दिवस को फरवरी में आज के दिन मनाने की एक खास वजह है। यह वजह जुड़ी है भारत की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानी से। यहां बात हो रही है भारत कोकिला सरोजिनी नायडू की। सरोजिनी नायडू से राष्ट्रीय महिला दिवस का गहरा नाता है।

सरोजिनी नायडू भारत की प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री हैं। उन्हें भारत कोकिला यानी नाइटिंगेल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं वह आजाद भारत की पहली महिला राज्यपाल भी रही हैं। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ देश को आजादी दिलाने के लिए हुए स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। वह हर महिला के लिए प्रेरणा है। लेकिन राष्ट्रीय महिला दिवस को आज ही के दिन मनाने के पीछे की क्या वजह है, इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है, यह भी सभी को जान लेना चाहिए। 

आज भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस है। कई लोगों को राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर भ्रम है कि वह 8 मार्च को होता है लेकिन 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस होता है। हालांकि भारत में इस दिन को फरवरी में मनाया जाता है। राष्ट्रीय महिला दिवस को फरवरी में आज के दिन मनाने की एक खास वजह है। यह वजह जुड़ी है भारत की प्रमुख महिला स्वतंत्रता सेनानी से। यहां बात हो रही है भारत कोकिला सरोजिनी नायडू की। सरोजिनी नायडू से राष्ट्रीय महिला दिवस का गहरा नाता है।

सरोजिनी नायडू भारत की प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री हैं। उन्हें भारत कोकिला यानी नाइटिंगेल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं वह आजाद भारत की पहली महिला राज्यपाल भी रही हैं। ब्रिटिश सरकार के खिलाफ देश को आजादी दिलाने के लिए हुए स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। वह हर महिला के लिए प्रेरणा है। लेकिन राष्ट्रीय महिला दिवस को आज ही के दिन मनाने के पीछे की क्या वजह है, इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है, यह भी सभी को जान लेना चाहिए। जानते हैं राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास, कब हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत, महत्व और सरोजिनी नायडू से नाता। 

राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू को समर्पित है। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था। वह बचपन से बुद्धिमान थीं। जब सरोजिनी नायडू 12 साल की थीं, तब से उन्हें कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। बाद में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। देश की आजादी और महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। आजादी के बाद सरोजिनी नायडू को पहली महिला राज्यपाल बनने का भी मौका मिला। उनके कार्यों और महिलाओं के अधिकारों के लिए उनकी भूमिका को देखते हुए सरोजिनी नायडू के जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

जब देश को 1947 में आजादी मिली तो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनने का गौरव एक महिला को प्राप्त हुआ। वह महिला सरोजिनी नायडू थी। बाद में साल 2014 में सरोजिनी नायडू की जयंती को राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने की शुरुआत की गई।

वैसे तो सरोजिनी नायडू के नाम कई उपलब्धियां हैं लेकिन साहित्यिक योगदान पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने कई कविताएं लिखी, कुछ कविताएं तो पाठ्यक्रम में शामिल की गईं।  क्योंकि वह बहुत ही मधुर स्वर में अपनी कविताओं का पाठ किया करती थीं, इसी कारण सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला कहा जाता था।

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