कोरोनरी स्टेंट की बिक्री को लेकर दायर याचिका पर केंद्र अपना रुख स्पष्ट करे : दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने केवल उचित चिकित्सीय अध्ययन के बाद ही कोरोनरी स्टेंट की बिक्री और विपणन की अनुमति देने का अनुरोध करती याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए केंद्र से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने मयंक क्षीरसागर की जनहित याचिका पर केंद्र और राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता और अधिवक्ता ने अपनी याचिका में कहा कि मौजूदा समय में हृदय में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टेंट के उत्पादन, आयात और बिक्री की अनुमति ‘‘उसके उचित क्लीनिकल अध्ययन के बिना या नगण्य अध्ययन’’के आधार पर दी जाती है और जनहित में केंद्र को अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की तरह इनकी मंजूरी की व्यवस्था बनानी चाहिए।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत केंद्र को निर्देश दे कि वह ‘‘ ऐसी व्यवस्था बनाए एवं लागू करे जिसमें ऐसे स्टेंट के विपणन या भारत में इस्तेमाल की मंजूरी देने से पहले निर्माताओं या आयातकों द्वारा क्लीनिकल अध्ययन और डाटा एवं उनकी समीक्षा/जांच का प्रावधान हो। ’’ अदालत अब इस मामले की सुनवाई मई महीने में करेगी।
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