अंबेडकरनगर: परीक्षा से वंचित किए जाने पर मेडिकल कॉलेज की 46 छात्रों को लगा सदमा, छह की बिगड़ी हालत

अंबेडकरनगर: परीक्षा से वंचित किए जाने पर मेडिकल कॉलेज की 46 छात्रों को लगा सदमा, छह की बिगड़ी हालत

अमृत विचार, अंबेडकरनगर, लखनऊ। महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के छह छात्र व छात्राएं गहरे सदमे में हैं। सभी को मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी  में भर्ती किया गया है। बताया जा रहा है 46 छात्रों को परीक्षा से वंचित किये जाने के कारण इन छात्र छात्राओं को गहरा सदमा लगा है। मेडिकल कॉलेज में एक ही बैच के 46 छात्र-छात्राओं को परीक्षा से वंचित किया गया है।

कॉलेज प्रशासन विभागाध्यक्ष और विश्वविधालय की कार्रवाई का हवाला दे रहा है जबकि तकरीबन एक माह पहले सैकडों छात्र छात्राओं ने यह आरोप लगाया था कि उनसे अवैध धन उगाही हो रही है और पैसा न देने पर परीक्षा से वंचित किये जाने की धमकी दी जा रही है।जिन छात्रों को परीक्षा से रोका गया है वे सभी पैरा 21 के छात्र हैं और कॉलेज प्रशासन की नीतियों का काफ़ी दिनों से विरोध कर रहे हैं।

मामला महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज का है।कालेज के पैरा 21 के लगभग 46 छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया है।बताया जा रहा है कि जिन 46 छात्रों को परीक्षा से रोका गया है उनमें से तकरीबन 36 छात्र -छात्राएं केवल एनाटामी विभाग से हैं जिन्हें रोका गया है। परीक्षा से वंचित किये जाने से कुछ छात्र छात्राएं सदमे में हैं।अपने सहपाठियों को परीक्षा से रोके जाने से छात्र छात्राओं में काफी नाराजगी है और वे इमरजेंसी पहुंच कर जम कर नारेबाजी किया।

छात्रों का आरोप है कालेज प्रशासन अवैध वसूली कर रहा है जिसका विरोध करने पर कॉलेज प्रशासन ने परीक्षा से वंचित करने की धमकी पहले ही दिया था।बताया जा रहा है कि कॉलेज प्रशासन और छात्रों में कॉफी दिनों से विबाद चल रहा है।मेडिकल छात्र छात्राओं ने आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रशासन उनसे अवैध वसूली कर रहा है और पैसा न देने पर परीक्षा से वंचित करने की धमकी दे रहा है।

यहीं नही अभी हाल ही में डीएम और एसपी को भेजे पत्र में छात्राओं ने यह आरोप लगाया था कि एक बाहरी व्यक्ति आर डी यादव द्वारा छात्राओं को अकेले में कमरे में प्रिंसिपल से मिलने के लिए कहा जाता है और न करने पर कैरियर खराब करने की धमकी दी जाती है।इस मामले को लेकर प्रिंसिपल डॉ. सन्दीप कौशिक का कहना है कि विभागाध्यक्ष की रिपोर्ट बिश्व विधायलय भेजी जाती है ,यह निर्णय वहीं होता है।जिस विषय मे उपस्थित कम है उसमें परीक्षा से वंचित हैं।

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