कल से दिल्ली में दो दिन अस्सी देश और संगठन करेंगे आतंकवाद के वित्त पोषण पर अंकुश लगाने पर चर्चा
नई दिल्ली। सत्तर से भी अधिक देश और दस से भी अधिक बहुपक्षीय संगठन दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बन चुके आतंकवाद के वित्त पोषण पर अंकुश लगाने के लिए दो दिन तक अंतर्राष्ट्रीय मंत्री स्तरीय ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ सम्मेलन में गहन विचार मंथन करेंगे जिसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार सुबह उद्घाटन करेंगे।
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राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने गुरूवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस तरह का यह तीसरा सम्मेलन है और इससे पहले दो सम्मेलन फ्रांस में 2018 में तथा आस्ट्रेलिया में 2019 में हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देंगे और इसका समापन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के साथ होगा।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को प्रभावशाली बनाने के साथ साथ उभरती चुनौतियों के समाधान पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जायेगा। इसके अलावा मादक पदार्थों की तस्करी और कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जायेगी।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन में मेजबान भारत के अलावा 72 देश तथा इंटरपोल और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल जैसे करीब 15 बहुपक्षीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से करीब 20 देशों के मंत्री सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं और चीन ने अभी तक पुष्टि नहीं की है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान को इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया था सम्मेलन में मौजूद विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा कि चीन को निमंत्रण भेजा गया था। एक अन्य सवाल के जवाब में श्री गुप्ता ने कहा कि खालिस्तान समर्थक गुटों के लिए अवैध रूप से धन आना भी चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिये क्राउड फंडिंग जैसे मुद्दों पर भी बातचीत की जायेगी। सम्मेलन में पिछले दो सम्मेलनों के अनुभव और सीख पर आगे बढते हुए इस समस्या के समाधान के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी विचार-विमर्श किया जायेगा।
सम्मेलन के दौरान चार सत्रों का आयोजन किया जायेगा जो 'आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण में वैश्विक रुझान’, ‘आतंकवाद के लिए धन के औपचारिक और अनौपचारिक चैनलों का उपयोग’, ‘उभरती प्रौद्योगिकियां और आतंकवादी वित्तपोषण’ और ‘आतंकवादी वित्तपोषण का मुकाबला करने में चुनौतियों के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग’ पर केंद्रित होंगे।
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