रामपुर: आजम खां दस बार विधायक, एक बार राज्यसभा सदस्य और एक बार रहे सांसद

रामपुर: आजम खां दस बार विधायक, एक बार राज्यसभा सदस्य और एक बार रहे सांसद

रामपुर, अमृत विचार। पूर्व मंत्री आजम खां राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। करीब 46 वर्ष का अनुभव है। वह दस बार शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक एक बार राज्यसभा सदस्य और एक बार रामपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। आजम खां वर्ष 1976 में जनता पार्टी में शामिल हुए और वर्ष 1977 में …

रामपुर, अमृत विचार। पूर्व मंत्री आजम खां राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। करीब 46 वर्ष का अनुभव है। वह दस बार शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक एक बार राज्यसभा सदस्य और एक बार रामपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। आजम खां वर्ष 1976 में जनता पार्टी में शामिल हुए और वर्ष 1977 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े इसके बाद वर्ष 1980 में जनता दल सेक्यूलर से चुनाव लड़े और विधायक बने। आजम खां का राजनैतिक जीवन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव से शुरू हुआ और इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए।

सपा के निर्वतमान जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल और आजम खां के छात्र जीवन से मित्र वीरेंद्र गोयल ने बताया कि आजम खां वर्ष 1985 में लोकदल से विधानसभा चुनाव भी जीते। फिर वर्ष 1989 में जनता दल से चुनाव लड़ने के बाद जीत गए। वर्ष 1991 में जनता पार्टी से चुनाव लड़ने के बाद जीत गए। वर्ष 1992 में सपा में शामिल होने के बाद उसके संस्थापक सदस्य बन गए। उसके बाद फिर से वर्ष 1993 में सपा के टिकट से विधानसभा चुनाव जीत गए। वर्ष 1996 में सपा से विधान सभा चुनाव लड़ने के बाद हार गए और कांग्रेस के अफरोज अली खां विधायक बने।

वर्ष 1999-2002 में सपा ने राज्यसभा सदस्य बनाया। वर्ष 2003 में सपा सरकार बनने के बाद कैबिनेट मंत्री बन गए। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव सपा से जयाप्रदा को जितवाया और वर्ष 2009 में 17 मई को सपा से आजम खां को बाहर कर दिया गया। वर्ष 2010 में सपा से उनको हटा दिया गया। वर्ष 2012 में अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। वर्ष 2017 में बीजेपी की सरकार बनी और वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने। इस तरह से आजम खां दस बार के विधायक एक बार के राज्यसभा सदस्य और एक बार के सांसद भी रहे हैं। आजम खां अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के सेक्रेट्री रहे और वहीं से उनका राजनैतिक जीवन शुरू हुआ। इसके बाद इमरजेंसी के दौरान वर्ष 1976 में गिरफ्तार कर लिए गए और उन्हें बनारस की जेल में रखा गया था।

आजम ने छात्र जीवन में चलाया था अंग्रेजी हटाओ आंदोलन
सपा नेता आजम खां ने सुंदरलाल इंटर कालेज से छात्र राजनीति शुरू कर दी थी। सपा के निर्वतमान जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल बताते हैं कि वह और आजम खां ने सुंदरलाल इंटर कालेज से वर्ष 1967-68 में दक्षिण भारत में शुरू हुए हिंदी हटाओ की काट पर अंग्रेजी हटाओ आंदोलन शुरू कर दिया था और उन्हें और साथ के तमाम छात्रों के साथ जाकर राजकीय रजा इंटर कालेज, राजकीय मुर्तजा इंटर कालेज, सनातन धर्म इंटर कालेज समेत तमाम बड़े कालेज बंद करा दिए थे।

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