ईरान का हिजाब विरोध प्रदर्शन अमेरिका-जर्मनी में फैला, लोगों ने निकाला मार्च…लगाए नारे

ईरान का हिजाब विरोध प्रदर्शन अमेरिका-जर्मनी में फैला, लोगों ने निकाला मार्च…लगाए नारे

वाशिंगटन। ईरान में धर्माचार पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के समर्थन में जर्मनी की राजधानी बर्लिन, अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी और लॉस एंजेलिस में लोगों ने मार्च निकाले गये। ‘यूएस नेशनल मॉल’ के निकट हजारों की तादाद में सभी आयुवर्ग के महिला और …

वाशिंगटन। ईरान में धर्माचार पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के समर्थन में जर्मनी की राजधानी बर्लिन, अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी और लॉस एंजेलिस में लोगों ने मार्च निकाले गये। ‘यूएस नेशनल मॉल’ के निकट हजारों की तादाद में सभी आयुवर्ग के महिला और पुरुष एकत्र हुए और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए व्हाइट हाउस की ओर बढ़ने लगे।

अमेरिका में विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित इन विरोध प्रदर्शनों में वाशिंगटन डीसी में रहने वाले ईरानी शामिल हुए। इसके अलावा कुछ लोग टोरंटो से यहां आए। लॉस एंजेलिस में भी विरोध प्रदर्शन हुए, जहां बड़ी तादाद में ईरानी रहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाला और एक सड़क को बंद कर दिया। उन्होंने ईरान सरकार के पतन के नारे लगाए और सैंकड़ों ईरानी ध्वज लहराए। ईरान की धर्माचार पुलिस हिजाब सही ढंग से नहीं पहनने को लेकर अमीनी को हिरासत में लिया था। हिरासत के दौरान 16 सितंबर को उनकी मौत हो गई थी।

देश में हिजाब पहनने के अनिवार्य नियम के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन 2009 में विवादित चुनाव को लेकर हुए ‘ग्रीन मूवमेंट’ के बाद से ईरान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं। शनिवार को तेहरान में कई विश्वविद्यालयों में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। अधिकार समूहों के अनुसार ईरान के सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए गोला बारूद और आंसू गैस का इस्तेमाल किया है, जिसमें 200 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं।

वहीं जर्मनी की राजधानी बर्लिन में, ईरान में विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं और कार्यकर्ताओं के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए लगभग 40,000 लोग एकत्रित हुए। ‘वुमेन लाइफ फ्रीडम कलेक्टिव’ द्वारा आयोजित विरोध मार्च बर्लिन के टियरगार्टन पार्क में विजय स्तंभ से शुरू हुआ और मध्य बर्लिन तक जारी रहा। वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों के प्रति जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों का समर्थन प्रदर्शित करने के लिए यहां आए हैं।

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