क्योंकि वह BJP में नहीं गए?: BCCI चीफ गांगुली का कार्यकाल न बढ़ने पर TMC सांसद

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कोलकाता। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल न बढ़ाए जाने पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा है, राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण। उन्होंने कहा, अमित शाह का बेटा बीसीसीआई सचिव बना रह सकता है लेकिन सौरव गांगुली को बरकरार नहीं रखा जा सकता। क्योंकि वह ममता बनर्जी के राज्य से हैं या क्योंकि …

कोलकाता। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल न बढ़ाए जाने पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा है, राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण। उन्होंने कहा, अमित शाह का बेटा बीसीसीआई सचिव बना रह सकता है लेकिन सौरव गांगुली को बरकरार नहीं रखा जा सकता। क्योंकि वह ममता बनर्जी के राज्य से हैं या क्योंकि वह बीजेपी में शामिल नहीं हुए?”

सौरव गांगुली के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद से हटने की खबरों के बीच बंगाल में राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। दरअसल ऐसी खबरें हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान गांगुली की जगह रोजर बिन्नी ले सकते हैं। इन खबरों के सामने आने के बाद, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि यह कदम गांगुली के खिलाफ एक राजनीतिक प्रतिशोध था। बता दें कि भारत की 1983 की विश्व कप विजेता टीम के नायक रहे रोजर बिन्नी का सौरव गांगुली की जगह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष बनना तय है। गांगुली पिछले तीन वर्षों से बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और वह 18 अक्टूबर को होने वाली बोर्ड की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बिन्नी के लिए अपना पद छोड़ देंगे।

गांगुली के हटने की खबरों पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ट्विटर पर कहा कि अमित शाह के बेटे अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं लेकिन गांगुली नहीं। उन्होंने लिखा, राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण। अमित शाह के बेटे को BCCI के सचिव के रूप में बरकरार रखा जा सकता है। लेकिन गांगुली नहीं को (अध्यक्ष पद पर) नहीं रखा जा सकता। क्या इसलिए कि वह पश्चिम बंगाल राज्य से हैं या वे भाजपा में शामिल नहीं हुए? हम आपके साथ हैं दादा!

ये भी पढ़ें : BCCI Election: रोजर बिन्नी होंगे BCCI के नए अध्यक्ष, सौरव गांगुली का खत्म हुआ कार्यकाल!

टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने ट्विटर पर कहा कि अमित शाह के बेटे अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं लेकिन गांगुली नहीं। उन्होंने लिखा, राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण। अमित शाह के बेटे को BCCI के सचिव के रूप में बरकरार रखा जा सकता है। लेकिन गांगुली नहीं को (अध्यक्ष पद पर) नहीं रखा जा सकता। क्या इसलिए कि वह पश्चिम बंगाल राज्य से हैं या वे भाजपा में शामिल नहीं हुए? हम आपके साथ हैं दादा!

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