रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच सकते हैं प्राकृतिक गैस के दाम, कीमतों में अगला संशोधन एक अक्टूबर को
नई दिल्ली। प्राकृतिक गैस के दाम इस सप्ताह में होने वाली समीक्षा के बाद रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक और वाहनों के लिए सीएनजी उत्पादन में होता है। देश में उत्पादित गैस का दाम सरकार तय करती है। सरकार को गैस …
नई दिल्ली। प्राकृतिक गैस के दाम इस सप्ताह में होने वाली समीक्षा के बाद रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, उर्वरक और वाहनों के लिए सीएनजी उत्पादन में होता है। देश में उत्पादित गैस का दाम सरकार तय करती है। सरकार को गैस कीमतों में अगला संशोधन एक अक्टूबर को करना है। ऊर्जा की कीमतों में हाल में आए उछाल को जोड़ने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के पुराने क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर 6.1 डॉलर प्रति इकाई (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) से बढ़कर नौ डॉलर प्रति इकाई पर पहुंच सकती है।
यह नियमन वाले क्षेत्रों के लिए अबतक की सबसे ऊंची दर होगी। बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल के बीच यह अप्रैल, 2019 से प्राकृतिक गैस कीमतों में तीसरी वृद्धि होगी। सरकार प्रत्येक छह महीने (एक अप्रैल और एक अक्टूबर) में गैस के दाम तय करती है। यह कीमत अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस अधिशेष वाले देशों की पिछले एक साल की दरों के आधार पर एक तिमाही के अंतराल के हिसाब से तय की जाती है। ऐसे में एक अक्टूबर से 31 मार्च, 2023 तक के लिए गैस का दाम जुलाई, 2021 से जून, 2022 की कीमत के आधार पर तय किया जाएगा। उस समय गैस कीमतें ऊंचाई पर थीं। एक सूत्र ने कहा कि सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस के मूल्य की समीक्षा का फॉर्मूला तय करने के लिए एक समिति का गठन किया था।
समिति के समक्ष यह मुद्दा लंबित होने की वजह से यह व्यावहारिक वजह होगी कि एक अक्टूबर को गैस के दामों में संशोधन नहीं किया जाए। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस पारेख की अध्यक्षता वाली समिति को अंतिम उपभोक्ता के लिए गैस के उचित मूल्य का सुझाव देने को कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि इस समिति में गैस उत्पादक संघों और ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लि. के प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति को अपनी रिपोर्ट इस माह के अंत तक देने को कहा गया है, लेकिन इसमें देरी हो सकती है। समिति में निजी गैस ऑपरेटरों का एक प्रतिनिधि तथा सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और उर्वरक मंत्रालय का भी एक-एक प्रतिनिधि शामिल है।
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