मथुरा: ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले के बाद हिंदूवादी संगठनों में खुशी की लहर

मथुरा, अमृत विचार। वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेस की कोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाये जाने की जानकारी मिलते ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को शाही ईदगाह से मुक्त कराने की लड़ाई लड़ने वाले हिंदूवादी संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के याचिकाकर्ता …
मथुरा, अमृत विचार। वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेस की कोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष के हक में फैसला सुनाये जाने की जानकारी मिलते ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को शाही ईदगाह से मुक्त कराने की लड़ाई लड़ने वाले हिंदूवादी संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के याचिकाकर्ता ने वाराणसी जिला जज के फैसले का स्वागत करते हुए भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर के निर्माण का राह आसान होना बताया है।
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष व श्रीकृष्ण जन्मस्थान के याचिकाकर्ता दिनेश शर्मा ने बताया कि वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले कोर्ट ने हिंदुओं के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। यह फैसला स्वागत योग्य है। इस फैसले से श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को मुक्त कराने की राह आसान हो गई है। ज्ञानवापी मामले में फैसले की प्रति मथुरा कोर्ट में लगाई जाएगी न्यायलय से अपील की जाएगी कि वरशिप एक्ट को यहां भी नहीं माना जाए। ज्ञानवापी की तरह मथुरा में भी भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है।
आपको बता दे कि वरशिप एक्ट अनुसार 15 अगस्त 1947 यानी आजादी से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। यदि कोई इस एक्ट के नियमों का उल्लंघन करने का प्रयास करता है तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है, साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।