बरेली: सेंट्रल जेल में बंदी भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधी राखी, हुईं भावुक

बरेली: सेंट्रल जेल में बंदी भाइयों की कलाई पर बहनों ने बांधी राखी, हुईं भावुक

बरेली, अमृत विचार। भाई कैसा भी हो वह भाई ही रहता है। चाहें उसके हाथ खून से या किसी अन्य अपराध से ही क्यों न रंगे हों। रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बहने अपने भाइयों का स्नेह पाने के लिए जेल तक पहुंच गईं। सेंट्रल जेल में उन्होंने भाई की खातिर लंबा इंतजार के …

बरेली, अमृत विचार। भाई कैसा भी हो वह भाई ही रहता है। चाहें उसके हाथ खून से या किसी अन्य अपराध से ही क्यों न रंगे हों। रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बहने अपने भाइयों का स्नेह पाने के लिए जेल तक पहुंच गईं। सेंट्रल जेल में उन्होंने भाई की खातिर लंबा इंतजार के बाद उनकी कलाई पर राखी बांध कर उनकी लंबी उम्र की दुआ की।

इसी बीच बहने-भाइयों के राखी बांधते समय भावुक हो गईं। और उस दिन को याद कर आखों से आंसू झलक आए जिस मनहूस दिन उनके भाई पर अपराध साबित होने के बाद उन्हें सजा हुई। इस अवसर पर सेंट्रल जेल के उप अधीक्षक अजय खरे ने बताया कि गुरुवार शाम तक लगभग 30 महिलाओं ने अपने भाइयों तक राखी पहुंचाई थीं। गुरुवार शाम को जेल के अंदर रक्षाबंधन मनाने की अनुमति का आदेश मिला है। तहत शुक्रवार को बहनें जेल के अंदर बंदी भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने पहुंची। और विधी विधान से उनकी कलाई पर राखी बांधी।

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