ISRO ने बताया- किसी काम नहीं आ पाएगा ‘आजादीसैट’, जानिए कहां हुई चूक

ISRO ने बताया- किसी काम नहीं आ पाएगा ‘आजादीसैट’, जानिए कहां हुई चूक

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से अपना पहला नया रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल डेवलपमेंटल फ्लाइट-1 (SSLV-D1) लॉन्च क‍िया। Historic moment for Bharat ??@isro launched SSLV-D1 with EOS-02 along with #AzaadiSAT satellite(built by 750 school girls) into space from Satish Dhawan Space …

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से अपना पहला नया रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल डेवलपमेंटल फ्लाइट-1 (SSLV-D1) लॉन्च क‍िया।

इसरो ने अपने एसएसएलवी-डी1/ईओएस-02 मिशन का अपडेट देते हुए बताया है कि इसके सैटेलाइट्स (अर्थ ऑब्ज़र्वेशन सैटेलाइट व आज़ादीसैट) अब किसी काम में नहीं आ पाएंगे। बकौल इसरो, उसके सबसे छोटे कमर्शियल रॉकेट एसएसएलवी-डी1 ने सैटेलाइट्स को पृथ्वी की वृत्ताकार कक्षा की जगह अंडाकार कक्षा में स्थापित कर दिया और एक समिति इस मिशन का विश्लेषण कर अपने सुझाव देगी।

‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के मौके पर ISRO द्वारा लॉन्च किए गए सैटलाइट से निराशा हाथ लगी है। ISRO ने रविवार को बताया कि स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल SSLV-D1 अब इस्तेमाल लायक नहीं रह गया है क्योंकि इसे पृथ्वी की सर्कुलर ऑर्बिट की जगह एलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया। बताया गया कि सेंसर फेल्योर की वजह से इसने अपनी दिशा बदल दी और यह गलत कक्षा में स्थापित हो गया।

ISRO ने कहा है कि इस बार हुई चूक को अनैलाइज किया जाएगा। इसके बाद सुधार के साथ जल्द ही एसएसएलवी-डी2 लॉन्च किया जाएगा। संगठन की ओर से कहा गया, SSLV-D1 ने सैटलाइट को 356 km X 76km एलिप्टिल ऑर्बिट में प्लेस कर दिया जबकि इसे 356 किमी सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किया जाना था। अब सैटलाइट इस्तेमाल में नहीं आ सकेगा। इसरो ने कहा कि समस्या की ठीक से पहचान कर ली गई है।

बता दें कि ISRO ने स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल से देशभर की 750 ग्रमीण छात्राओं द्वारा बनाया गया सैटलाइट भी लॉन्च किया था। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इसकी पूरी तैयारी की गई थी। बताया जा रहा था कि इस मिशन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी थी क्योंकि इसकी कामयाबी के साथ ही स्मॉल सैटलाइट लॉन्चिंग के लिए दुनियाभर की नजरें भारत की ही तरफ होतीं। हालांकि कुछ गड़बड़ी की वजह से इस बार यह कामयाब नहीं हो पाया।

ये भी पढ़ें:  Video: देश का सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D1 लॉन्च, दोनों सैटेलाइट्स कक्षा में पहुंचे, लेकिन सिग्नल बंद

ताजा समाचार